देश में लोकसभा चुनाव अगले साल होने हैं, लेकिन इससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी रणनीति बना ली है। अब पार्टियां बयानबाजी लेकर तमाम वो चीजें कर रही हैं, जिससे वोटरों को साधा जा सके। एनडीए और इंडिया गठबंधन के बाद अब शिरोमणि अकाली दल (SAD) भी एक्टिव हो गया है। अकाली दल सिखों को एकजुट करने में जुट गया है। इस बीच शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मुस्लिम सुमदाय को लेकर बड़ा बयान दिया है।
सुखबीर सिंह बादल ने मुस्लिम और सिख के बीच लीडरशिप और आबादी की तुलना की है। उन्होंने कहा कि जिस धर्म के लोग एकजुट हैं वो मजबूत हैं, लेकिन जिस धर्म के लोगों में एकता नहीं है, वो मजबूत नहीं है। उदाहरण के तौर पर मुस्लिम आबादी को देख लीजिए। देश में मुस्लिमों की 18 फीसदी आबादी है, लेकिन उनके पास लीडरशिप या नेतृत्व नहीं है, क्योंकि वे एक साथ नहीं हैं। वहीं, 2 फीसदी आबादी के बाद भी सिख सुमदाय एकजुट है।
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एकजुटता से ही मजबूत होगा सिख समुदाय : बादल
शिअद के अध्यक्ष ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के तहत सिख आबादी एकजुट है। उन्होंने सिख को एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि सिख सुमदाय विभाजित न हो और एकजुट रहें। उन्होंने आगे कहा कि हम अब सभी राज्यों में पार्टी की इकाइयां स्थापित करेंगे। बादल ने कहा कि यह एकता ही सिख सुमदाय को और मजबूत बनाएगी। एक झंडा या एक पार्टी में रहने से ही उनकी समस्याओं को भी समाधान होगा।
शिअद में शामिल हुए मनजीत सिंह जीके
इस बीच अकाली दल के नेता मनजीत सिंह जीके भी अपनी टीम के साथ घर वापसी की है। साल 2019 में उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान और जागो पार्टी के सरपरस्त मनजीत सिंह जीके ने अकाली दल का दामन थामा है। उनकी वापसी से पार्टी और मजबूत होगी।