---विज्ञापन---

बॉक्स ऑफिस पर गदर मचा रहे सनी देओल अब पिता के नक्श-ए-कदम पर; राजनीति को लेकर दिया ये बड़ा बयान

गुरदासपुर: देश की सत्ता में हैट्रिक लगाने के साथ पंजाब में अकेले लड़कर जंग जीतने के सपने देख रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए को एक बड़ा झटका लगने जा रहा है। पार्टी के मौजूदा गुरदासपुर सांसद सनी देओल ने राजनीति से किनारा कर लेने का मन बना लिया है। ऐसे में भाजपा को […]

Edited By : Balraj Singh | Updated: Aug 22, 2023 11:59
Share :

गुरदासपुर: देश की सत्ता में हैट्रिक लगाने के साथ पंजाब में अकेले लड़कर जंग जीतने के सपने देख रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए को एक बड़ा झटका लगने जा रहा है। पार्टी के मौजूदा गुरदासपुर सांसद सनी देओल ने राजनीति से किनारा कर लेने का मन बना लिया है। ऐसे में भाजपा को अब सनी की जगह एक नया चेहरा तलाशना होगा। एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में सनी देओल ने 2024 में चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है।

  • भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद अहम है गुरदासपुर लोकसभा सीट, विनोद खन्ना के निधन के बाद हाथ से गई तो सनी ने दिलाई थी दोबारा

  • अब बोले-राजनीति में अगर कुछ कमिट किया जाए और फिर मैं उसे पूरा न कर पाऊं तो मुझसे वह बर्दाश्त नहीं होता

गौरतलब है कि अभिनेता सनी देओल इस वक्त पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं। पार्टी के लिए यह सीट बहुत ही ज्यादा महत्ता रखती है। 1999 से 2004 तक और फिर 2014 से 2017 तक इस सीट पर दिवंगत अभिनेता सांसद रहे हैं। विनोद खन्ना के निधन के बाद जब इस सीट पर 2017 में उपचुनाव हुआ तो कॉन्ग्रेस के बैनर से तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ यहां से जीतकर संसद में पहुंचे। इसके बाद 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने अभिनेता सनी देओल को मैदान में उतारा। वह जिताऊ उम्मीदवार साबित हुए। यह अलग बात है कि संसदीय क्षेत्र पर ध्यान नहीं देने की स्थिति में सनी देओल की पिछले चार बरस से खासी आलोचना हो रही है।

---विज्ञापन---

अब अभिनेता और नेता दोहरी भूमिका निभा रहे अजय सिंह उर्फ सनी देओल ने अभिनेता ही बने रहने का ऐलान करके सबको चौंका दिया। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सनी देओल ने कहा, ‘अभिनेता बने रहना ही मेरा पहला चुनाव है। मैं जिस सोच के साथ राजनीति में आया था, वो सारे काम तो अभिनेता रहते हुए भी कर सकता हूं। मुझे लगता है कि मैं देश सेवा करूं और वो कर रहा हूं। एक साथ कई काम किए जाने संभव नहीं हैं, इसलिए मैंने 2024 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है’। इसी के साथ सनी देओल ने कहा, ‘एक्टिंग की दुनिया में मेरा जो दिल करे, वो मैं कर सकता हूं, लेकिन राजनीति में अगर कुछ कमिट किया जाए और फिर मैं उसे पूरा न कर पाऊं तो मुझसे वह बर्दाश्त नहीं होता’।

4 साल पहले पिता ने ही नहीं, सनी ने भी कही थी राजनीति नहीं आने की बात

अब राजनीति से किनारा कर लेने की वजह पर मंथन करने बैठें तो वह दौर याद आएगा, जब सनी देओल ने चुनावी उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था। एक ओर सनी के पिता धर्मेंद्र (अभिनेता और राजस्थान के बीकानेर के पूर्व भाजपा सांसद) ने राजनीति की एबीसीडी नहीं आने की बात कही थी, वहीं गुरदासपुर में नामांकन के बाद रैली के मंच से सनी ने कहा था, ‘मैं पक्का देशभक्त हूं। मैं यहां की जनता का हूं, कहीं नहीं जाऊंगा। डरने की जरूरत नहीं, मैं तुम्हारे साथ हूं। माना कि मुझे राजनीति की समझ नहीं, मगर धीरे-धीरे आ जाएगी’।

---विज्ञापन---

इन पांच प्वाइंट्स में समझें एक नेता के रूप में अभिनेता सनी देओल का पूरा बहीखाता

  1. 2019 में लोकसभा चुनाव जीतते ही अजय सिंह देओल उर्फ सन्नी देओल ने सबसे पहले मोहाली जिले के लेखक गुरप्रीत सिंह पलहेरी को अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया। इसके बाद वह खुद हलके में नजर ही नहीं आए। इसी के चलते बहुत बार विरोधी पार्टियों ने सनी देओल की गुमशुदगी के पोस्टर भी लगाए।
  2. एक सांसद के रूप में सनी देओल ने संसद में भी हाजिरी पूरी नहीं की। लोकसभा के अब तक 12 सत्रों में गुरदासपुर के भाजपा सांसद सनी देओल ने सिर्फ 3 मार्च 2020 को नदियों में अवैध रेत खनन का मुद्दा उठाया है।
  3. इसके बाद वह या तो संसद में हाजिर ही नहीं हुए और हाजिर रहे भी तो कभी किसी और मसले पर बात नहीं की। सांसद निधि (MPLAD फंड) से भी सनी देओल ने बेहद कम पैस खर्च किया है।
  4. PRS लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार भी सनी देओल तो लोकसभा की एक भी चर्चा में शामिल नहीं हुए। उनके राजनैतिक कर्मक्षेत्र पंजाब राज्य के सांसदों ने राष्ट्रीय स्तर पर औसतन 35.1 ही बहस में भाग लिया। राज्य स्तर पर इनके सवालों की औसततन 100 सवाल पूछे, जबकि बाकी सांसदों ने नेशनल लेवल पर औसतन 42.7 डिबेट्स में हिस्सा लिया और करीब 191 सवाल पूछे हैं।
  5. एक सांसद के रूप में सनी देओल ने किसान आंदोलन के वक्त भी कुछ ठीक नहीं किया। पहले तो वह चुप रहे और जब चुप्पी तोड़ी तो पार्टी और किसान वर्ग दोनों के साथ होने की बात कह डाली। इस कारण भी वह विपक्ष के निशाने पर रहे।

HISTORY

Written By

Balraj Singh

First published on: Aug 22, 2023 11:59 AM
संबंधित खबरें