चंडीगढ़: पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कराधान विभाग के अधिकारियों को वैट से सम्बन्धित सभी लम्बित मामलों को 4 महीनों में निपटाने की हिदायत दी है, जिससे एकत्रित होने वाले राजस्व को राज्य के विकास के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
सोमवार को पंजाब भवन में कराधान विभाग की समीक्षा बैठक के उपरांत पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि बैठक के दौरान उन्होंने विभाग को वैट से सम्बन्धित लम्बित मामलों को 4 महीने में निपटाने के साथ-साथ उन मामलों जिनमें अपीलार्थी द्वारा मुल्यांकन की रकम का 25 प्रतिशत जमा नहीं करवाया गया, का निपटारा करने के लिए एक महीने का समय निर्धारित किया है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा विभाग के अधिकारियों को वैट ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट में सुनवाई अधीन सभी मामलों की पैरवी करने के लिए हिदायत की गई है, जिससे विभाग का पक्ष स्पष्ट रूप में रखा जा सके।
केंद्र द्वारा लाए जा रहे विद्युत संशोधन विधेयक, 2022 संबंधी पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा जब यह विधेयक साल 2020 में तीन काले कृषि कानूनों के साथ लाया गया था तो उस समय पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बतौर संसद मैंबर इसका सख़्त विरोध दर्ज किया था, जबकि सरकार में शामिल शिरोमणि अकाली दल की केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी इसकी हिमायत की थी।
उन्होंने आगे कहा कि उस समय इस विधेयक को वापस लेते हुए केंद्र सरकार ने वादा किया था कि इस विधेयक को दोबारा लाने से पहले राज्य सरकारों, किसानों और अन्य हितधारकों से परामर्श किया जाएगा।
परन्तु भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने वादे को तोड़ते हुए एक बार फिर विधेयक को किसी के परामर्श के बिना लाया गया है। स. चीमा ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अपने कॉर्पोरेट साथियों को खुश करने की कोशिश कर रही है, परन्तु आम आदमी पार्टी किसानों और आम लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए गाँवों से पार्लियामेंट तक रोष प्रदर्शन कर ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगी।
इससे पहले कराधान विभाग की उच्च स्तरीय बैठक के दौरान एक पावरप्वाइंट प्रैजेंटेशन के द्वारा वित्त मंत्री को विभाग की विभिन्न डिवीजऩों द्वारा जी.एस.टी, वैट और सी.एस.टी के अंतर्गत कर वसूली करने की उपलब्धियों से अवगत करवाया गया। इस दौरान टैक्स की हो रही चोरी को रोकने के लिए गंभीरता से मंथन किया गया।
वित्त मंत्री ने कराधान विभाग के अधिकारियों की कारगुज़ारी पर संतुष्टि प्रकट की और टैक्स चोरी को रोकने के लिए अधिकारियों द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत करते हुए विभाग को अपेक्षित तकनीकी और मानव संसाधन को पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने साथ ही यह भी सख्ती से कहा कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस बैठक में अन्यों के अलावा अजोए शर्मा, वित्तीय आयुक्त कराधान, के.के. यादव, कर आयुक्त, रवनीत एस खुराना, अतिरिक्त कमिश्नर ऑडिट और विराज एस. तिडक़े, अतिरिक्त कमिश्नर एनफोर्समैंट भी उपस्थित थे।