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पंजाब सरकार का बासमती चावलों को लेकर बड़ा फैसला, कीटनाशकों पर लगाई रोक

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने बासमती चावलों के निर्यात में रुकावट डालने वाले कुछ कीटनाशकों की बिक्री, भंडारण, वितरण और प्रयोग पर पाबंदी लगाने के निर्देश जारी किये हैं।  गुणवत्ता में सुधार के लिए जारी हुए निर्देश  कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा है कि अब यह निर्देश बासमती […]

Author Published By : Yashodhan Sharma Updated: Aug 14, 2022 15:15
बासमती चावल
बासमती चावल

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने बासमती चावलों के निर्यात में रुकावट डालने वाले कुछ कीटनाशकों की बिक्री, भंडारण, वितरण और प्रयोग पर पाबंदी लगाने के निर्देश जारी किये हैं।

 गुणवत्ता में सुधार के लिए जारी हुए निर्देश 

कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा है कि अब यह निर्देश बासमती चावलों की गुणवत्ता में सुधार के लिए किसानों के पक्ष में जारी किए गए हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने पहले ही कृषि विभाग के अधिकारियों को नकली और घटिया दर्जे के कीटनाशकों की बिक्री पर नजर रखने और ऐसी कार्यवाहियों के विरुद्ध अपेक्षित कार्यवाही करने के लिए सख्त हिदायतें जारी की थीं।

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निर्यात में आ रही थी रुकावट

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि पाबन्दीशुदा कीटनाशकों का प्रयोग बासमती चावल उत्पादकों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा ऐसीफेट, बुपरोफेजिऩ, क्लोरोपाईरीफोस, मैथामाईडोफोस, प्रोपीकोनाज़ोल थ्यामैथोकसम, प्रोफैनोफोस, आईसोप्रोथीओलेन, कारबैंडाजि़म ट्राईसाईक्लाज़ोल जैसे कीटनाशकों की बिक्री, भंडारण, वितरण और प्रयोग वाले चावलों ख़ासकर बासमती चावलों के निर्यात और उपभोग में संभावित रुकावटें बन रहे थे।

इस समय-सीमा तक लगाई पाबंदी

धालीवाल ने आगे कहा कि उपरोक्त कीटनाशकों पर पंजाब में 60 दिनों की समय-सीमा के लिए पाबंदी लगाई गई है, जिससे बिना किसी अवशेष के बढिय़ा गुणवत्ता वाले बासमती चावल पैदा किये जा सकें। कृषि मंत्री ने कहा कि माहिरों के अनुसार इन कृषि रासायनों के प्रयोग के कारण बासमती चावलों में सक्षम अथॉरिटी द्वारा निर्धारित मैक्सियम रैज़ीड्यूल लेवल (एमआरएल) से अधिक कीटनाशक अवशेष होने का खतरा है।

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कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि पंजाब राइस मिल्लजऱ् एंड एक्सपोर्टरज़ एसोसिएशन द्वारा भी यह पाया गया है कि उनकी तरफ से टैस्ट किए गए कई नमूनों में इनकी अवशेष का मूल्य बासमती चावलों में एमआरएल निर्धारित से कहीं अधिक पाया गया है। एसोसिएशन ने पंजाब की विरासती बासमती उपज को बचाने और बासमती चावलों की दूसरे देशों को निर्यात यकीनी बनाने के लिए इन खेती रसायनों पर पाबंदी लगाने की विनती की थी।

पंजाब के कृषि मंत्री ने आगे बताया कि पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी ( पी.ए.यू.) लुधियाना ने बासमती चावलों के कीड़ों को कंट्रोल करने के लिए कम अवशेष वाले खेती रसायनों की सिफ़ारश की है, जो बाज़ार में उपलब्ध हैं।

First published on: Aug 14, 2022 03:14 PM

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