Noida News: नोएडा में कचरे से निपटने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए प्राधिकरण ने कमर कस ली है. शहर में पहली बार इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाया जा रहा है, जिसकी शुरुआती क्षमता 300 मीट्रिक टन प्रतिदिन होगी. भविष्य में इसे 500 मीट्रिक टन तक बढ़ाया जाएगा. शुक्रवार को प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में चेयरमैन दीपक कुमार ने इस परियोजना को औपचारिक मंजूरी दी. प्राधिकरण 64 करोड़ रुपये खर्च कर 30 एकड़ जमीन खरीदेगा, जहां यह प्लांट स्थापित किया जाएगा. संभावित स्थानों में सेक्टर-145 (19.5 एकड़) और ग्रेटर नोएडा के अस्तौली गांव (16.66 एकड़) शामिल हैं.
एक ही जगह होगा गीले-सूखे कचरे का निपटारा
नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बताया कि इस प्लांट की खासियत यह होगी कि एक ही जगह गीले और सूखे दोनों प्रकार के कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाएगा. कचरे से बिजली, कंपोस्ट और पानी तैयार किया जाएगा. इसे कार वॉशिंग, कंस्ट्रक्शन और सिंचाई में उपयोग किया जा सकेगा.
बायोगैस से बनेगी बिजली
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि यह तकनीक पहले से गोवा जैसे शहरों में सफलतापूर्वक इस्तेमाल हो रही है. यहां रेस्टोरेंट्स और घरेलू किचन से निकलने वाले गीले कचरे से मीथेन युक्त बायोगैस बनती है, जो बिजली उत्पादन में उपयोग होती है. वहीं सूखे कचरे से रिसाइक्लिंग योग्य सामग्री निकाली जाती है.
भविष्य की जरूरतों के लिए भी तैयारी
वर्तमान में नोएडा से रोजाना लगभग 1200 मीट्रिक टन कचरा निकलता है, लेकिन आने वाले वर्षों में यह मात्रा 1500 मीट्रिक टन तक पहुंच सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण ने पहले ही तैयारी शुरू कर दी है. इसके अलावा शहर में छह डीसेंट्रलाइज्ड इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट्स भी लगाए जाएंगे.
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