Noida Cyber Fraud: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक और साइबर ठगी का मामला सामने आया है। महिला की डीपी लगे एक व्हाट्सएप से पहले मैसेज आया। उसने खुद को हांगकांग निवासी बताया। चैटिंग शुरू हो गई। फिर सोने में निवेश (Gold Investment) के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी कर दी। सात लाख रुपये बैंक से लोन पर लेकर लगा दिए। अब 40 हजार रुपये महीने कमाने वाला पीड़ित 84 हजार रुपये प्रतिमाह की ईएमआई चुका रहा है। शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
व्हाट्सएप पर दोस्ती करके फंसाया मैनेजर
ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में रहने वाले मिथिलेश एक निजी कंपनी में मैनेजर हैं। इसी साल 15 मार्च को उनके मोबाइल पर हांगकांग के एक नंबर से व्हाट्सएप पर मैसेज आया। उन्होंने बताया कि जिस व्हाट्सएप से मैसेज आया उसके डीपी पर एक महिला की फोटो लगी हुई थी। दोनों में ऑनलाइन बातचीत होने लगी। आरोपित ने मीठी-मीठी बातों में फंसा कर मैनेजर से दोस्ती गांठ ली। इसके बाद शातिर ने मिथिलेश को सोने (Gold) में निवेश करने की बात कही, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद भी बातचीत जारी रही।
ऑनलाइन ट्रेडिंग देख मैनेजर को आया लालच
आरोप है कि एक दिन शातिर ने पीड़ित से कहा कि वह ऑनलाइन ट्रेडिंग कर रही है, लेकिन उसे किसी काम से बाहर जाना है। अलग वह साइट बंद कर देगी तो लाखों का नुकसान हो जाएगा। इस पर शातिर ने पीड़ित से मदद के नाम पर साइट को चलाने के लिए बोला। उसने मिथिलेश को एक साइट का लिंक भेजा। जहां मिथिलेश ने देखा की लाखों का लेनदेन हो रहा है और महिला के खाते में लाखों रुपये का मुनाफा आ रहा है। इस पर मिथिलेश को भी लालच आ गया।
मिथिलेश को दिखे 38 लाख रुपये, पर निकाल न सका
पीड़ित ने बताया कि उसने भी निवेश कर दिया। कुछ समय तक उसको मुनाफा भी हुआ। इसे दिखते हुए पीड़ित ने पांच लाख रुपये का निवेश कर दिया। निवेश के बाद उसके वॉलेट में 38 लाख रुपये दिखने लगे। पीड़ित ने इन पैसों को निकालने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। शातिरों ने उसे मोटा कमीशन लेने के बाद पैसे निकालने का झांसा दिया, जिसके बाद पीड़ित ने पांच लाख रुपये का बैंक से पर्सनल लोन और दो लाख रुपये अपने क्रेडिट कार्ड से निकाल कर दे दिए। इसके बाद शातिरों का कोई अता पता नहीं है।
केरल का निकला मोबाइल नंबर, पुलिस ने एक खाता सीज किया
अपने साथ हुई ठगी की शिकायत लेकर पीड़ित ने थाना पुलिस से शिकायत की है। साइबर पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि मोबाइल नंबर केरल के रहने वाले किसी व्यक्ति का है। शुरू में ट्रांसफर की गई रकम उसी के खाते में गई थी। पुलिस ने फिलहाल वह खाता सीज कर दिया है। इस खाते में करीब तीन लाख रुपये हैं। पुलिस अब मामले की छानबीन में जुट गई है।