प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने उत्तर प्रदेश सरकार पर 120 करोड़ का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना गोरखपुर की रामगढ़ ताल, एमी, राप्ती, रोहनी नदियों में प्रदूषण के चलते लगाया गया है। NGT ने इंडस्ट्रीज द्वारा प्रदूषण के नियमों का पालन नहीं करने पर राज्य सरकार को कानूनी कार्यवाही करने का निर्देश दिया। NGT ने गोरखपुर में मलजल के निकास के लिए उत्तरप्रदेश सरकार को जिम्मेदार माना है।
सैकड़ों बच्चों की जान चली जाती है
ट्रिब्यूलन ने कहा है कि जल प्रदूषण पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का एक कारक है। NGT ने कहा कि प्रदूषित पानी से दिमागी बुखार, जापानी बुखार जैसी बीमारियां होती है जिसकी वजह से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में सैकड़ों बच्चों की जान चली जाती है। गोरखपुर में रामगढ़ ताल, राप्ती नदी समेत गोरखपुर के आसपास की अन्य नदियों में प्रदूषण को रोकने के लिए 6 सदस्यों की कमेटी बनाईं। NGT ने ACS UD, CPCB, पर्यावरण मंत्रालय के सचिव, राज्य PCB, PCCF के सदस्य, गोरखपुर नगर निगम की समिति बनाई है।
एक महीने में तैयार करें एक्शन प्लान
इस कमेटी को एक महीने में बैठक कर प्रदूषण को कम करने को लेकर एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया है। समिति के काम में CETP का प्रचालन, रामगढ़ ताल का संचालन, अतिक्रमण को रोकना, वृक्षारोपण को सुनिश्चित करना होगा। NGT ने कमेटी से 6 महीने में एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।