Maharashtra Govt Advertisement: महाराष्ट्र सरकार के एक विज्ञापन पर बवाल मचा हुआ है। एक विज्ञापन में दावा किया गया है कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस से अधिक लोकप्रिय हैं। विज्ञापन में कहा गया है कि महाराष्ट्र में 26.1% लोग एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में चाहते हैं जबकि 23.2% फडणवीस को चाहते हैं। विज्ञापन का संदेश हालांकि शिंदे और फडणवीस के बीच दरार पैदा करने के लिए नहीं था, बल्कि इस बात पर जोर देने के लिए था कि 49.3% लोग भाजपा-शिवसेना गठबंधन का समर्थन करते हैं।
विज्ञापन में एकनाथ शिंदे और पीएम मोदी की तस्वीर थी। शिवसेना सरकार की ओऱ से धनुष और बाण के चिन्ह के साथ दिए गए विज्ञापन में पीएम मोदी-एकनाथ शिंदे को ‘ड्रीम टीम’ बताया गया। लिखा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सराहनीय टीम वर्क ने अपनी हालिया कल्याणकारी परियोजनाओं के माध्यम से महाराष्ट्र में सर्वोच्च स्थान हासिल किया है।
विवाद की वजह- शिवसेना का विज्ञापन लेकिन बाला साहेब ठाकरे का जिक्र नहीं
पूरे पेज का विज्ञापन शिंदे सेना ने दिया था। उद्धव सेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे का कोई जिक्र नहीं था। यह पहले बालासाहेब (बाल ठाकरे की) शिवसेना थी, लेकिन विज्ञापन ने हवा को साफ कर दिया है। यह अब मोदी-शाह की शिवसेना बन गई है। दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की छवि कहां है?
उधर, एकनाथ शिंदे ने विज्ञापन में पेश किए गए ‘शिंदे बनाम फडणवीस वॉर’ को तवज्जो नहीं दी और कहा कि दोनों को सकारात्मक रेटिंग मिली है। मुझे और डिप्टी सीएम को सकारात्मक रेटिंग दी गई है। हम दोनों राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं और इसे आगे ले जा रहे हैं। मैं और डिप्टी सीएम कैबिनेट को साथ लेकर समग्र विकास कर रहे हैं। हम लोगों के दिमाग में हैं और यह महत्वपूर्ण है।
ऐसा विज्ञापन कभी नहीं देखा: अजीत पवार
राकांपा नेता अजीत पवार ने कहा कि उन्होंने ऐसा विज्ञापन पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा, “मैंने अपने राजनीतिक जीवन में आज तक इस तरह का विज्ञापन नहीं देखा, जो मैंने आज के अखबारों में देखा। विज्ञापन में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिंदे की तस्वीरें थीं। वे (शिवसेना) कहते हैं कि वे बालासाहेब के सैनिक हैं, जबकि बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे की तस्वीरें विज्ञापन से गायब थीं।