जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए, लेकिन जवाबदेही जरूरी है। पवार ने कहा कि देश की सुरक्षा सबसे पहले है और इस तरह की घटनाओं को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर पूरे देश को एकजुट होकर सरकार का साथ देना चाहिए, लेकिन सरकार को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
आतंकवाद खत्म होने के दावों पर उठाया सवाल
शरद पवार ने सरकार द्वारा दिए गए उन बयानों पर सवाल उठाए, जिनमें कहा गया था कि “आतंकवाद अब खत्म हो गया है।” उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता, तो यह बेहद खुशी की बात होती, लेकिन हाल की घटना यह बताती है कि सुरक्षा व्यवस्था में अभी भी कई खामियां हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन कमियों को स्वीकार करे और उस पर तुरंत कार्रवाई करे, तो विपक्ष भी सहयोग देने को तैयार है। पवार ने यह भी कहा कि सरकार को इस विषय पर पूरी गंभीरता से सोचने की जरूरत है।
इंटेलिजेंस फेलियर और सुरक्षा की चिंता
पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि यह एक साफ तौर पर इंटेलिजेंस की गलती है। उन्होंने बताया कि पहलगाम को हमेशा एक सुरक्षित इलाका माना जाता है और वहां इस तरह की घटना होना बहुत ही चिंता की बात है। पवार ने कहा कि अगर आतंकियों ने जो प्लान बनाया था, वो कामयाब हो गया है तो यह और भी डराने वाली बात है। उन्होंने बताया कि जो लोग वहां मौजूद थे, उनके मुताबिक हमलावरों ने सिर्फ मर्दों को निशाना बनाया और औरतों को कुछ नहीं किया। पवार ने कहा कि इस बात की अच्छी तरह जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह बहुत गंभीर बात हो सकती है।
अनुच्छेद 370 और जनता की भावनाएं
शरद पवार ने अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मानती है, लेकिन कश्मीर की स्थानीय जनता की राय इससे अलग हो सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को कश्मीरी जनता की भावनाओं को भी समझने की कोशिश करनी चाहिए। पवार ने कहा कि अगर हम देश में स्थायी शांति और सुरक्षा चाहते हैं तो सभी पक्षों को मिलकर समाधान ढूंढना होगा और आम जनता की बात को भी गंभीरता से लेना होगा।