Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में टूट के बाद पहली बार शरद पवार और अजित पवार पुणे में एक कार्यक्रम में एक साथ मंच साझा करेंगे। लोकमान्य तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में 1 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में शरद पवार और अजित पवार भी शामिल होंगे।
ट्रस्ट की ओर से जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री मोदी को उनके अनुकरणीय नेतृत्व और नागरिकों के बीच देशभक्ति की भावना पैदा करने के उनके प्रयासों के लिए ये पुरस्कार दिया जाएगा। इसमें एक स्मृति चिन्ह और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। ट्रस्ट ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत को वैश्विक मानचित्र पर रखा। उनकी दृढ़ता और प्रयासों को देखते हुए तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने सर्वसम्मति से उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना है।
शरद पवार होंगे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
समारोह स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक की 103वीं पुण्य तिथि को चिह्नित करेगा। ट्रस्ट की आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार पुणे में कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार दोनों भाषण देंगे।
पुरस्कार समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और अजीत पवार के अलावा कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे के भी शामिल होने की उम्मीद है।
2 जुलाई को एनडीए में शामिल हुए थे अजित पवार
अजित पवार अपने चाचा शरद पवार को नजरअंदाज करते हुए 2 जुलाई को आठ अन्य एनसीपी विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए। इसके बाद शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी को राकांपा नेताओं के भ्रष्टाचार के संबंध में उनकी हालिया टिप्पणियों की याद दिलाई और उनसे दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।
शरद पवार ने कहा था कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने राकांपा और उन सभी लोगों को बरी कर दिया है, जिनके खिलाफ उन्होंने आरोप लगाए थे। मुझे आज खुशी है कि उन्होंने राकांपा के कुछ सहयोगियों को कैबिनेट में जगह दी। यह दिखाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लगाए गए आरोप तथ्यात्मक नहीं थे। मैं पीएम मोदी का आभारी हूं।
बता दें कि 27 जून को भोपाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बूथ कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के दौरान मोदी ने एनसीपी के खिलाफ लगभग 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले के विभिन्न आरोपों का उल्लेख किया था। इन आरोपों में महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला, सिंचाई घोटाला और अवैध खनन घोटाला शामिल है।