मुंबई में झुग्गी वासियों के लिए राहत की खबर है। स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) ने अपनी सेवाओं को अब पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। इससे अब झोपड़पट्टियों में रहने वाले लाखों लोगों को फ्लैट ट्रांसफर, किराया संबंधित शिकायतें, एनओसी, और अन्य जरूरी सेवाओं के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
अब ये सभी सुविधाएं एक क्लिक पर उपलब्ध हैं। SRA की वेबसाइट www.sra.gov.in पर जाकर लोग सभी जरूरी जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, एक नया WhatsApp Chatbot भी शुरू किया गया है, जिससे लोग घर बैठे अपने आवेदन की स्थिति जान सकते हैं और जरूरी अपडेट सीधे मोबाइल पर पा सकते हैं।
झुग्गीवासियों के लिए ‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम’
डिजिटल इंडिया अभियान को आगे बढ़ाते हुए, SRA ने पुनर्वसन फ्लैट के लाभार्थियों के लिए ‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम’ की शुरुआत की है। इसके जरिए आवेदक ऑनलाइन ही अपनी फाइलें जमा कर सकते हैं और प्रक्रिया की प्रगति पर नजर रख सकते हैं।
23.5 टन कागज हटाकर बनाई गई जगह, दफ्तरों में बढ़ी कार्यक्षमता
बता दें कि साफ-सफाई और दक्षता की दिशा में भी अथॉरिटी ने एक बड़ा कदम उठाया है। SRA ने अब तक करीब 3.5 करोड़ दस्तावेजों का डिजिटलीकरण किया है और 23.5 टन से अधिक पुराने कागजों को हटाया गया है। संस्था के सचिव संदीप देशमुख ने बताया, कि इस सफाई अभियान के तहत 2.72 करोड़ पन्नों का वर्गीकरण और 40 लाख से अधिक अनुपयोगी पन्नों का निस्तारण किया गया है। इससे कार्यालयों में नई जगह बनी है, जिसे आम जनता की सुविधा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
100 दिन में 7 अहम बिंदुओं पर हुआ काम
राज्य सरकार के निर्देश के बाद, SRA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. महेंद्र कल्याणकर के नेतृत्व में यह अभियान 100 दिनों की एक विशेष योजना के तहत चलाया गया, जिसमें साफ-सफाई, डिजिटल दस्तावेज प्रबंधन और ऑनलाइन सेवाएं देने जैसे सात प्रमुख बिंदुओं पर काम किया जा रहा है|
झोपड़पट्टी से इमारत तक SRA की अहम भूमिका
गौरतलब है कि मुंबई में बड़ी संख्या में झोपड़पट्टियां हैं, जिन्हें हटाकर वहां रहने वालों को पक्के मकान देना SRA की जिम्मेदारी है। इस संस्था की अध्यक्षता, खुद मुख्यमंत्री करते हैं। यह एक ऐसी संस्था है, जिसकी योजनाएं सीधे आम लोगों के जीवन को प्रभावित करती हैं, यही कारण है कि SRA के कामकाज को अक्सर चुनावी मुद्दा भी बनाया जाता है।