Mumbai Red Buses: हर दिन लाखों लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाली मुंबई की रेड BEST बसों की एक खौफनाक सच्चाई सामने आई है। बता दें इन बसों की वजह से पिछले पांच सालों में 834 हादसों में 88 लोगों की जान चली गई। ये आंकड़े सिर्फ नंबर नहीं, बल्कि उन परिवारों की दर्दनाक कहानियां हैं, जिन्होंने अपनों को खो दिया। अब सवाल उठता है कि क्या मुआवजा पीड़ितों के दर्द को कम कर सकता है और क्या BEST बसों की सुरक्षा में सुधार होगा? हर हादसा नए सवाल छोड़ता है। आइए जानते हैं…
मुंबई की लाल बसें और खतरनाक रिकॉर्ड: 834 हादसे, 88 मौतें
मुंबई की लाल BEST बसें, जो हर दिन लाखों लोगों की जिंदगी का हिस्सा बनती हैं, एक खौफनाक सच्चाई छिपाए हुए हैं। शहर की व्यस्त सड़कों पर दौड़ती ये बसें कई बार मौत और हादसों का सबब बन जाती हैं। पिछले पांच सालों में इन बसों ने 834 हादसों में 88 जिंदगियां छीन लीं। ये आंकड़े सिर्फ नंबर नहीं, बल्कि उन परिवारों की कहानियां हैं, जिन्होंने अपनों को खो दिया। क्या मुआवजा उनके दर्द को कम कर सकता है? क्या बीईएसटी सुरक्षा में सुधार करेगी? हर हादसा एक नई चिंता और अनगिनत सवाल छोड़ जाता है।
मुंबई की BEST बसों से बढ़ती हादसों की चिंता
हर दिन लाखों लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाली मुंबई की लाल बीईएसटी (BEST) बसें अब सुरक्षा के मामले में चिंता का कारण बन गई हैं। पिछले 5 सालों में BEST बसों से जुड़े 834 हादसों में 88 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए। RTI कार्यकर्ता अनिल गालगली की जानकारी के मुताबिक, इन हादसों में पीड़ितों और उनके परिवारों को BEST ने 42.40 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। यह जानकारी वरिष्ठ परिवहन अधिकारी एगल बेंजामिन ने दी, जिससे सड़क सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठे हैं।
निजी और BEST बसों के हादसों की स्थिति
रिपोर्ट के मुताबिक, 834 हादसों में से 352 हादसे BEST की अपनी बसों से जुड़े थे, जिनमें 51 लोगों की मौत हुई। वहीं निजी ठेकेदारों की बसों की वजह से 482 हादसे हुए, जिनमें 37 लोगों की जान गई। खासतौर पर साल 2022-23 और 2023-24 सबसे खतरनाक रहे क्योंकि इन दोनों सालों में हर साल 21 लोगों की मौत हुई। यह साफ दिखाता है कि यात्रियों और पैदल चलने वालों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
मुआवजे का आंकड़ा और हादसों की गंभीरता
पिछले 5 सालों में BEST हादसों में 494 मौतों और घायलों के मामलों में 42.40 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया। सबसे ज्यादा मुआवजा 2022-23 में दिया गया, जब 107 मामलों के लिए 12.40 करोड़ रुपये दिए गए। इसके बाद 2019-20 में 9.55 करोड़, 2020-21 में 3.44 करोड़, 2021-22 में 9.45 करोड़ और 2023-24 में 7.54 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया। हालांकि मुआवजा पीड़ित परिवारों की तकलीफ कुछ कम कर सकता है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ऐसे हादसों को कैसे रोका जाए।
लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई
BEST प्रशासन ने लापरवाही रोकने के लिए अपने कर्मचारियों पर कार्रवाई की है। पिछले 5 वर्षों में 12 कर्मचारियों को जानलेवा हादसों के लिए नौकरी से निकाल दिया गया, जबकि चोट के मामलों में 2 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया। इसके अलावा, 24 कर्मचारियों को निलंबित किया गया और अन्य पर जुर्माना, चेतावनी और डिमोशन जैसे दंडात्मक कदम उठाए गए। RTI कार्यकर्ता गालगली का कहना है कि यह केवल मुआवजे का मामला नहीं है। हर हादसा लोगों की सुरक्षा में हुई चूक को दर्शाता है। उन्होंने ड्राइवरों की बेहतर ट्रेनिंग, सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन और बसों की नियमित देखभाल पर जोर दिया।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम जरूरी
मुंबई की लाल बसें सिर्फ एक परिवहन साधन नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। लेकिन इन हादसों ने इस सेवा की खामियों को उजागर किया है। बढ़ती ट्रैफिक और भीड़भाड़ के बीच BEST को यात्रियों और पैदल चलने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। मुंबई के लोग एक ऐसी परिवहन सेवा के हकदार हैं, जो उनकी सुरक्षा और कनेक्टिविटी दोनों को प्राथमिकता दे। सवाल यह है कि क्या BEST इस चुनौती का सामना कर सकेगा? इसका जवाब वक्त ही देगा।