गुड़ी पड़वा के मौके पर 30 मार्च को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने दादर के शिवाजी पार्क में विशाल रैली को संबोधित किया था। इस दौरान राज ठाकरे ने एक बार फिर मराठी भाषा और उसके सम्मान पर बात की थी। मराठी भाषा को लेकर उन्होंने कहा था कि हर एक राज्य की राजभाषा है और महाराष्ट्र की राजभाषा मराठी है। उसका सम्मान होना ही चाहिए। नहीं तो कान के नीचे आवाज आएगी। राज ठाकरे ने कहा था कि मराठी लोग बीमार हो रहे हैं। मुंबई में वे हमसे कहते हैं कि हम मराठी नहीं बोलेंगे, अगर वे मराठी नहीं बोलेंगे तो क्या हम चुपचाप बैठे रहेंगे? राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि वे जांच करें कि महाराष्ट्र के हर बैंक में मराठी भाषा का उपयोग होता है या नहीं। राज ठाकरे का आदेश मिलते ही कार्यकर्ता तुरंत काम पर लग गए। जहां कहीं भी मराठी भाषा का अपमान हो रहा था, वहां उन्होंने विरोध किया। लेकिन अब राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को आंदोलन रोकने के लिए एक पत्र लिखा है।
राज ठाकरे ने पत्र में कार्यकर्ताओं से क्या कहा?
राज ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं को लिखे खुले पत्र में लिखा, ‘सबसे पहले मैं आपको महाराष्ट्र में मराठी मुद्दे पर एक बार फिर जोरदार आवाज उठाने के लिए बधाई देता हूं । मैंने गुड़ी पड़वा के कार्यक्रम में आपको आदेश दिया था कि महाराष्ट्र के बैंकों में मराठी में काम हो रहा है या नहीं, इस बात की आप जांच करे। इसके बाद अगले दिन से आप सब महाराष्ट्र के बैंकों में गए और मराठी में काम करने का आग्रह किया। यह बहुत अच्छा हुआ।’
उन्होंने आगे कहा, ‘इससे न केवल यह संदेश गया कि कोई भी मराठी भाषा और मराठी लोगों को हल्के में नहीं ले सकता, बल्कि एमएनएस की संगठनात्मक ताकत भी दिखाई दी, जो हर जगह मौजूद है।’
माझ्या तमाम महाराष्ट्र सैनिकांना..! pic.twitter.com/S3rYGgoYh0
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‘आंदोलन को फिलहाल रोक दें, लेकिन इससे ध्यान न भटकने दें’
ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में आगे कहा कि आंदोलन ने स्थानीय भाषा के इस्तेमाल पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मानदंडों का पालन न करने के नतीजों को दिखाया है। ठाकरे ने कहा, ‘अब इस आंदोलन को रोकने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि हमने इस मुद्दे पर पर्याप्त जागरूकता पैदा कर दी है।’ साथ ही ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘आंदोलन को फिलहाल रोक दें, लेकिन इससे ध्यान न भटकने दें। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वह सुनिश्चित करे कि कानून का पालन हो।’ ठाकरे ने कहा कि आरबीआई के नियमों को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है। इससे पहले शनिवार सुबह शिवसेना नेता और राज्य के उद्योग और मराठी भाषा मंत्री उदय सामंत ने ठाकरे से मुलाकात की। बैठक के बाद सामंत ने कहा, ‘उन्होंने मराठी भाषा के इस्तेमाल पर कुछ सुझाव दिए हैं। मैं इस बारे में सीएम फडणवीस और दोनों डिप्टी सीएम से बात करूंगा।’
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने सीएम फडणवीस को लिखा था पत्र
बता दें कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे गए पत्र के एक दिन बाद राज ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को यह निर्देश दिया। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने सीएम को लिखे पत्र में कहा था कि मनसे कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले लोग बैंक शाखाओं में जाकर कर्मचारियों को धमका रहे हैं। पत्र के मुताबिक, उनकी (मनसे कार्यकर्ताओं की) मांग है कि सभी बोर्ड केवल मराठी में हों और सभी अधिकारी केवल मराठी में ही बात करें।’ पत्र में आरोप लगाया गया कि बैंक अधिकारियों को धमकाया गया और उनके साथ मारपीट की गई। फडणवीस ने इसके बाद शुक्रवार को कानून को अपने हाथ में लेने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
फडणवीस के बयान पर ठाकरे ने क्या कहा?
राज ठाकरे ने सीएम फडणवीस के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, शुक्रवार को कहीं मीडिया से बात करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि वे किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने देंगे। हमारी भी ऐसी कोई इच्छा नहीं है, लेकिन आप कानून के रक्षक हैं तो क्या रिजर्व बैंक के नियमों का पालन करवाना आपका काम नहीं है? आप बैंकों और अन्य संस्थानों को मराठी का सम्मान करने के लिए कहें, फिर हम कानून हाथ में नहीं लेंगे, यह तय है।