महाराष्ट्र में ईद उल अजह बकरीद पर सियासत तेज हो गई है। बकरे की कुर्बानी पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे के बयान को लेकर विपक्ष आक्रामक हो चुका है। हाल में मंत्री नितेश राणे ने बकरीद का त्योहार वर्चुअली मनाने के लिए कहा था, जिसको लेकर विपक्ष ने मंत्री को आड़े हाथों लिया है। एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि नितेश राणे कुछ दिन बाद भोजन भी वर्चुअली करने के लिए कहेंगे। अब ऐसा जमाना आ गया है कि बीजेपी के नेता जो कहेंगे वही होगा।
इसके पहले राणे ने मुस्लिम समाज को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर कोई किसी सोसाइटी में जबरदस्ती बकरा काटेगा तो हमारी सरकार उसके खिलाफ जरूर कार्रवाई करेगी। यह हिन्दुराष्ट्र है, किसी के बाप का पाकिस्तान नहीं है। नितेश राणे ने हिंदुओं के त्योहार पर रोक लगाने की मांग करने वाले लोगों को भी आड़े हाथों लिया है। नितेश राणे ने कहा कि जब हिंदुओं का होली, दीवाली का त्योहार आता है तो कोई न कोई मुद्दा खड़ा कर रंग न खेलने, पटाखे न फोड़ने की अपील की जाती है। इसके पीछे पर्यावरण और पशु प्राणी का हवाला दिया जाता है। अब बकरीद का त्योहार है, पशु प्रेमी कहां है।
सपा विधायक अब असीम आजमी ने नितेश राणे को निशाने पर लेते हुए कहा कि बकरीद का त्योहार मनाना और कुर्बानी देना हमारा अधिकार है, जिस पर राणे दो टूक जवाब देते हुए कहा कि रंग उड़ाना और पटाखे फोड़ना भी हमारा अधिकार है।
महाराष्ट्र गौ सेवा की मांग पर लगी रोक हटी
महाराष्ट्र गौ सेवा कमीशन की मांग पर राज्य सरकार ने एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी को इंस्ट्रक्शन दिया था कि वे सभी जिलों के गांवों में बकरा ईद के लिए लगने वाले जानवरों के बाजारों पर रोक लगाएं। इस फैसले को एसपी नेता आजमी ने मुख्यमंत्री फडणवीस के संज्ञान में लाया गया। अबु असीम आजमी ने कहा कि इस निर्णय से ईद-उल-अजहा पर कुरबानी के लिए मुस्लिम समाज के लोगों को जानवर खरीदने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस गंभीर मुद्दे को मुख्यमंत्री शिंदे के सामने भी उठाया गया। इस पर मुख्यमंत्री ने 3 जून से लेकर 8 जून तक खासतौर से बकरा ईद के लिए जानवरों के बाजार लगाने की परमिशन देने का फैसला लिया।
ये भी पढ़ें- शादी के लिए मना किया तो प्रेमी ने चाकू घोंपकर की हत्या, कोल्हापुर में लिव-इन में रहता था कपल