महाराष्ट्र की महायुति सरकार में फिलहाल कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री अजित पवार के बीच कोल्ड वॉर चल रही है। एक-दूसरे के खिलाफ दोनों कुछ खुलकर तो नहीं बोल रहे हैं, लेकिन दोनों एक-दूसरे के कार्यक्रम में जाने से भी परहेज कर रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बैलेंस बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एनसीपी और शिवसेना के नेताओं की बयानबाजी से कड़वाहट और बढ़ रही है।
महायुति में शामिल दोनों पार्टियों के बीच कड़वाहट नाशिक और रायगढ़ के पालक मंत्री पद निधि की मंजूरी, फाइलें अटकी होने के कारण है। शिवसेना शिंदे गुट के नेताओं और मंत्रियों का आरोप है कि वित्त मंत्री अजित पवार उन्हें फंड नहीं दे रहे या उनके विभाग के फंड में कटौती कर रहे हैं। लाडली बहन योजना के लिए आदिवासी विभाग और सामाजिक न्याय विभाग से 435 करोड़ और 335 करोड़ डायवर्ट करने के बाद शिंदे गुट से सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने अजित पवार पर जमकर हमला बोला और कहा कि पहले ही इन विभागों को कम बजट दिया गया था और अब फंड डायवर्ट किया गया है। इससे अच्छा यह होता कि विभाग ही बंद कर दिया जाए। वहीं, संजय शिरसाट ने अजित पवार को शकुनि तक कह डाला।
शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टकराव
महायुति में शामिल शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में अक्सर टकराव होता रहा है। शनिवार को मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों के सम्मान में आयोजित समारोह में एकनाथ शिंदे के शामिल नहीं होने से नाराजगी खुलकर सामने आ गई। उससे पहले शिवसेना नेता और पर्यटन मंत्री शंभूराज देसाई द्वारा आयोजित महाबलेश्वर पर्यटन महोत्सव से उपमुख्यमंत्री अजित पवार समेत सभी एनसीपी नेता नदारद रहे। इसीलिए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के भी एनसीपी के कार्यक्रम से अनुपस्थित रहने की चर्चा पहले से थी।
शिवसेना यूबीटी ने घटनाक्रम पर कसा तंज
हालांकि, पर्यटन मंत्री शंभू राज देसाई द्वारा आयोजित महाबलेश्वर पर्यटन महोत्सव के निमंत्रण में एनसीपी नेताओं के नाम शामिल थे, लेकिन सतारा से एनसीपी नेता और मंत्री मकरंद पाटिल और राज्य मंत्री इंद्रनील नाइक ने इस कार्यक्रम से मुंह मोड़ लिया। दूसरी ओर, एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी का कोई भी नेता मुंबई में राष्ट्रवादी पार्टी द्वारा आयोजित पूर्व मुख्यमंत्री के अभिनंदन समारोह में शामिल नहीं हुआ। इसलिए इस बात की चर्चा है कि क्या इन दोनों पार्टियों के बीच कोई अंदरूनी कलह है।
इस बीच शिवसेना यूबीटी ने भी इस घटनाक्रम पर तंज कसा है। संजय राऊत ने कहा है कि अगर अजित पवार शकुनि हैं, तो जो चोरी बेइमानी करके सरकार बनाने वालों को क्या कहेंगे। जो लोग अजित पवार को आज शकुनि कह रहे हैं, कल वो देवेंद्र फडणवीस को दुर्योधन भी कह सकते हैं।
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