Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार ने बड़ा बयान दिया है। पवार ने कहा कि वे (शिंदे) राज्य में पिछले साल के राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नैतिक आधार पर इस्तीफा नहीं देंगे।
वो इस्तीफा नहीं देंगे
नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की उद्धव ठाकरे की मांग पर अजितपवार ने कहा कि मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांगने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम जानते हैं कि वह सपने में भी इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान भाजपाईयों के बीच एक बड़ा अंतर है।
नाना पटोले ने बिना पूछे इस्तीफा दिया
अजित पवार ने ये भी कहा कि हमारे स्पीकर कांग्रेस नेता नाना पटोले ने तब हमारे सीएम उद्धव ठाकरे से पूछे बिना इस्तीफा दे दिया था, ऐसा नहीं होना चाहिए था। यहां तक कि अगर वह इस्तीफा दे देते, तो हम तुरंत नया अध्यक्ष चुन सकते थे। अगर हमारा स्पीकर होता तो वो 16 विधायक तब अयोग्य हो जाते। पवार ने कहा कि अगला विधानसभा सत्र जुलाई में आयोजित किया जाएगा। हम अपने अधिकारों का उपयोग यह देखने के लिए करेंगे कि हम इस मुद्दे के बारे में क्या कर सकते हैं।
उद्धव ने कहा था- नैतिकता के आधार पर शिंदे को देना चाहिए इस्तीफा
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिंदे सरकार को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा था कि महाराष्ट्र में शिंदे सरकार अवैध और संविधान के खिलाफ बनाई गई है।
वहीं, मुख्यमंत्री शिंदे ने गुरुवार को कहा कि पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उस समय की स्थिति के अनुसार काम किया था। उन्होंने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि मैं इस बारे में बात नहीं करूंगा कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बारे में क्या कहा, लेकिन मैं यह कहूंगा कि उन्होंने उस समय की स्थिति के अनुसार काम किया।
फैसले को फडणवीस ने बताया था लोकतंत्र की जीत
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया था। उन्होंने कहा था कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का एकनाथ शिंदे गुट के अनुरोध के आधार पर फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाना उचित नहीं था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को अयोग्य नहीं ठहरा सकती है और ठाकरे को मुख्य मंत्री के रूप में बहाल नहीं कर सकती है क्योंकि ठाकरे ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने के बजाय इस्तीफा देना चुना था।