Maharashtra Politics Ajit Pawar Muslim Quota: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार बगावत के मूड में दिख रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लमानों के लिए 5 फीसदी आरक्षण का राग अलापा है। उन्होंने ये भी कहा है कि इसके लिए वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से चर्चा करेंगे। हालांकि भाजपा पहले ही धार्मिक आधार पर किसी भी आरक्षण का विरोध कर चुकी है।
दरअसल, गुरुवार को अजित पवार ने मुस्लिम समुदाय से संबंधित मुद्दों पर एक बैठक की, जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि वह शिंदे और फड़नवीस के साथ बातचीत करेंगे। बैठक में पवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक मुसलमानों के लिए पांच फीसदी आरक्षण लागू करने पर फैसला सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा।
2020 में विधानसभा में फड़नवीस ने दिया था ये जवाब
अजित पवार ने वित्त विभाग को महाज्योति, सारथी और बार्टी की तर्ज पर मौलाना आज़ाद फाइनेंस कॉरपोरेशन को धन का समान वितरण सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। बता दें कि राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में देवेंद्र फड़नवीस ने 2020 में कहा था कि मुसलमानों के लिए कोटा असंवैधानिक होगा और ओबीसी और मराठा आरक्षण को प्रभावित करेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। बता दें कि पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के दौरान, तत्कालीन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और राकांपा विधायक नवाब मलिक ने 2020 में घोषणा की थी कि एमवीए सरकार मुसलमानों को शैक्षणिक संस्थानों में 5 प्रतिशत आरक्षण की अनुमति देने के लिए एक कानून लाएगी।
इसके बाद से इस मामले पर विधानसभा और विधान परिषद में कई बार चर्चा हुई। हालांकि, भाजपा कहती रही है कि वह इस तरह के किसी भी कदम की अनुमति नहीं देगी।