Maharashtra News: महाराष्ट्र में विपक्ष ने रविवार को पुणे में पुलिस की ओर से वारकरी तीर्थयात्रियों पर कथित रूप से लाठीचार्ज का आरोप लगाते हुए शिंदे-फडणवीस सरकार पर निशाना साधा। बता दें कि वारकरी तीर्थयात्री भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान विठ्ठल के भक्तों को कहा जाता है।
बताया जा रहा है कि घटना उस समय हुई जब तीर्थयात्री जुलूस के रूप में पुणे शहर से 22 किमी दूर स्थित आलंदी शहर में संत ज्ञानेश्वर महाराज समाधि मंदिर में प्रवेश पाने की कोशिश कर रहे थे। औपचारिक जुलूस पंढरपुर की वार्षिक आषाढ़ी एकादशी तीर्थयात्रा का एक हिस्सा था। उधर, पुलिस ने कहा कि कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ है, लेकिन ये भी माना कि पुलिस और भक्तों के बीच बहस हुई थी।
#WATCH | Maharashtra: A scuffle broke out between warkaris (Lord Vitthal followers) and police during a procession in the Pune district yesterday
Some local youths tried to forcibly enter the Palkhi procession, leading to an altercation with the police. No lathi charge or force… pic.twitter.com/0GNkpGTzSs
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) June 11, 2023
घटना के बाद विपक्षी दलों ने दावा किया कि पुलिस ने वारकरियों पर लाठीचार्ज किया और उच्च स्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की। पिंपरी चिंचवाड़ के आयुक्त विनय कुमार चौबे ने कहा, पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मंदिर के न्यासियों के साथ विस्तृत व्यवस्था की थी और बैठकें की थीं।
उन्होंने कहा कि जब पुलिस एक समय में 75 श्रद्धालुओं के जत्थे भेज रही थी, तब कुछ लोगों ने बेरिकेड्स तोड़ दिए और मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की। पुलिस की ओर से वारकरियों पर लाठीचार्ज करने के आरोपों को खारिज करते हुए चौबे ने कहा कि जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो विवाद हो गया।
एनसीपी सांसद ने घटना को वार्षिक उत्सव पर धब्बा बताया
इस बीच, एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे वार्षिक उत्सव पर धब्बा बताया। सुप्रिया सुले ने कहा कि वारकरियों पर लाठीचार्ज की घटना के लिए मैं (राज्य) सरकार की निंदा करती हूं। इतने सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ। तीर्थयात्रा (पंढरपुर के लिए) पिछले कुछ सदियों से एक परंपरा रही है और प्रशासन के कुप्रबंधन ने इस वार्षिक उत्सव पर एक धब्बा लगा दिया।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, वहीं एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने इस घटना को शर्मनाक बताया।
Since the month of March, there have been incidents of violence and tension in Maharashtra.
Today in Alandi there was a Lathicharge on the peaceful Varkari community.
If Maharashtra Home Minister @Dev_Fadnavis ji cannot take care of the state then he should resign immediately.— Clyde Crasto – क्लाईड क्रास्टो (@Clyde_Crasto) June 11, 2023
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा, “ओह ओह..हिंदुत्व सरकार के ढोंग का पर्दाफाश हो गया है। मुखौटे गिर गए। औरंगज़ेब अलग क्या था? मुगलों ने महाराष्ट्र में पुनर्जन्म लिया है।”
उधर, एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि श्री क्षेत्र आलंदी में जिस तरह से पुलिस ने वारकरी बंधुओं पर लाठियां बरसाईं, वह बहुत ही अपमानजनक है। वारकरी संप्रदाय की नींव रखने वाले महान संत ज्ञानेश्वर महाराज की उपस्थिति में वारकरी भाइयों का यह अपमान अत्यंत निंदनीय है। वारकरी संप्रदाय, वारकरी बंधुओं के प्रति सरकार की कोई जिम्मेदारी है या नहीं?
अरे अरे.. हिंदूत्ववादी सरकारचे ढोंग उघडे पडले.. मुखवटे गळून पडले..औरंगजेब यापेक्षा वेगळे काय वागत होता?वारकऱ्यांचा हिंदू आक्रोश सरकार असा चिरडून टाकतआहे. मोगलाई महाराष्ट्रात पुन्हा अवतरली आहे..@BJP4Maharashtra @Dev_Fadnavis @AUThackeray
@ https://t.co/pnUc45IZ01— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 11, 2023
फडणवीस ने लाठीचार्ज से किया इनकार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने लाठीचार्ज की किसी भी घटना से इनकार किया। फडणवीस ने कहा कि वारकरी समुदाय पर कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिए और पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।”