Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में 12,024 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) समिति का गठन किया। समिति में पुलिस आयुक्त मुंबई और दो वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
दरअसल, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने नवंबर 2019 और अक्टूबर 2022 के बीच BMC द्वारा किए गए खर्चों में 12,024 करोड़ रुपये की अनियमितता की ओर इशारा किया है। भाजपा के विधायक अमित साटम ने भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से औपचारिक शिकायत कर मामले की एसआईटी जांच की मांग की थी।
इससे पहले इसी साल मार्च में महाराष्ट्र विधानसभा में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर कैग की रिपोर्ट पेश की थी।
After CAG points out, Maharashtra govt forms SIT to probe into BMC's alleged irregularities of over Rs 12,000 cr
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— ANI Digital (@ani_digital) June 19, 2023
फडणवीस ने सदन में उठाया था मुद्दा
कैग ने रिपोर्ट में कई अनियमितताओं का जिक्र किया था। इसके बाद फडणवीस ने सदन में रिपोर्ट के कुछ मुद्दे रखे। उन्होंने आरोप लगाया कि नगरपालिका का प्रशासन पूरी तरह से अपारदर्शी और भ्रष्ट है। यह रिपोर्ट केवल 12,000 करोड़ रुपये के काम के बारे में है, लेकिन पूरे काम में और भी चौंकाने वाली बातें सामने आएंगी।
बिना टेंडर के कराए 20 काम
सदन में पेश प्रतिवेदन में कहा गया कि कोविड-19 महामारी के दौरान हुई अनियमितताओं के अलावा जांच में पाया गया कि दो अलग-अलग विभागों में 20 कार्य बिना टेंडर के कराये गये। फडणवीस के बयान के बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार को ठाणे, नवी मुंबई, नागपुर और पुणे नगरपालिकाओं में सीएजी जांच करनी चाहिए।
किरीट सोमैया ने साधा था निशाना
इससे पहले फरवरी में भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने बीएमसी पर निशाना साधा था और कहा था कि वह बीएमसी के कोविड की कमाई को उजागर कर रहे हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान रेमडिसिविर इंजेक्शन की खरीद में भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया।
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