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मुंबई

लाडली बहन योजना के लिए महाराष्ट्र सरकार ने आदिवासी फंड को किया ट्रांसफर, नीति आयोग के नियमों की हुई अनदेखी

महाराष्ट्र सरकार अपनी 'लाडली बहन योजना' को जारी रखने के लिए लगातार दूसरे विभागों से धन ले रही है। सरकार ने आदिवासी विभाग से 335 करोड़ रुपये इस योजना के लिए लिए हैं। वित्त विभाग ने पिछले दिनों एससी और एसटी विभाग का फंड महिला और बाल विकास विभाग को ट्रांसफर किया था। जानें अब तक कब-कब हुआ फंड ट्रांसफर?

Author Reported By : Vinod Jagdale Edited By : News24 हिंदी Updated: May 29, 2025 12:29
Ladli Behan schemes
Ladli Behan schemes

महाराष्ट्र सरकार ने लाडली बहन योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से एक बार फिर आदिवासी विकास विभाग के 335.70 करोड़ रुपये की राशि को ट्रांसफर किया है। यह तीसरा अवसर है, जब आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित फंड को इस योजना के लिए डायवर्ट किया गया है। यह फैसला तब लिया गया है, जब नीति आयोग बार-बार स्पष्ट निर्देश दे रहा है कि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आवंटित बजट का उपयोग केवल उन्हीं वर्गों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।

अब तक कब-कब हुआ फंड ट्रांसफर?

अप्रैल 2025 में सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति विभाग से ₹410 करोड़ की राशि लाडली बहन योजना में ट्रांसफर की। वहीं, मई 2025 (पहला ट्रांसफर) आदिवासी विकास विभाग से ₹335.70 करोड़ की राशि पहली बार इस योजना में ट्रांसफर की गई। बता दें कि मई 2025 (दूसरा ट्रांसफर-तीसरी बार कुल मिलाकर) अब फिर से वही राशि 335.70 करोड़ रुपये आदिवासी विकास निधि से हटाकर योजना में डाली गई है।

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नीति आयोग के नियमों की अनदेखी

नीति आयोग द्वारा केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय विभाग, आदिवासी मामलों के मंत्रालय, और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजे गए पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि SC/ST फंड का उपयोग केवल उन्हीं वर्गों के लिए हो सकता है। यह फंड किसी अन्य योजना या वर्ग के लाभार्थियों के लिए नहीं लगाया जा सकता।

सरकार फंड को अन्य योजनाओं में कर रही उपयोग

अगर किसी योजना के लिए अतिरिक्त राशि की आवश्यकता हो, तो वह अतिरिक्त बजट से दी जानी चाहिए, न कि आरक्षित निधियों को काटकर। इसके बावजूद, महाराष्ट्र सरकार बार-बार इस फंड को अन्य योजनाओं में उपयोग कर रही है, जो सीधे तौर पर नीति आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। सरकार को यह तय करना होगा कि वह अल्पसंख्यक और हाशिए पर खड़े समुदायों के साथ न्याय करेगी या राजनीतिक लाभ के लिए उनके हिस्से की योजनाओं को लोकलुभावन उपायों में बदल देगी।

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First published on: May 29, 2025 12:29 PM

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