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मुंबई

भाषा विवाद के बीच महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, 5 कक्षाओं के लिए अनिवार्य की गई हिंदी

महाराष्ट्र के कई राज्यों में हिंदी भाषा को लेकर विवाद छिड़ा है। विवाद सुलझाने के लिए अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा फैसला किया है। उन्होंने हिंदी को अनिवार्य भाषा बना दिया है। आइए जानते हैं कि फडणवीस सरकार का नया फैसल क्या है?

Author Reported By : Vinod Jagdale Edited By : Khushbu Goyal Updated: Apr 17, 2025 11:57
CM Devendra Fadnavis

महाराष्ट्र में छिड़े भाषा विवाद के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने पहली से 5वीं क्लास तक के लिए तीसरी भाषा के रूप में हिंदी भाषा को अनिवार्य कर दिया है। नया पाठ्यक्रम इसी साल यानी 2025-26 से लागू होगा।

महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत नया शैक्षणिक ढांचा लागू करने की घोषणा की है। नई नीति के तहत अब राज्य के मराठी और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक हिंदी तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी।

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बता दें कि महाराष्ट्र के स्‍कूलों में अब तक 2 भाषाएं पढ़ाई जाती थीं, लेकिन नई नीति के तहत छात्रों को 3 भाषायी फॉर्मूला के अनुसार शिक्षा दी जाएगी। सरकार ने फैसला लेते ही नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है और सिलेबस तैयार करने का आदेश भी दिया है।

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क्यों अहम है यह फैसला?

महाराष्ट्र जैसे राज्य में, जहां मराठी प्रमुख भाषा है, वहां हिंदी को अनिवार्य करना एक रणनीतिक फैसला माना जा रहा है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को बहुभाषी बनाना और राष्ट्रीय स्तर पर संवाद और अवसरों के द्वार खोलना है। हिंदी भाषी राज्यों के विद्यार्थियों को भी महाराष्ट्र में शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा होगी।

क्या कहती है सरकार?

स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है कि यह बदलाव छात्रों के समग्र भाषा विकास और संचार कौशल को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि इससे बच्चों में भाषाई विविधता को लेकर सम्मान बढ़ेगा और देश की एकता को भी मजबूती मिलेगी।

विरोध की आशंका भी

हालांकि इस फैसले के खिलाफ कुछ क्षेत्रीय दल और संगठन विरोध जता सकते हैं, जो राज्य में क्षेत्रीय भाषाओं की प्राथमिकता बनाए रखने की बात करते रहे हैं। लेकिन फिलहाल सरकार अपने निर्णय पर अडिग दिखाई दे रही है।

सिलेबस का स्ट्रक्चर यह होगा

मिली जानकारी के अनुसार, हिंदी का सिलेबस 5+3+3+4 के अनुसार डिजाइन किया जाएगा। महाराष्ट्र में स्कूल एजुकेशन को 4 फेज में बांटा जाएगा। पहला फेज 5 साल का होगा, जिसमें 3 साल प्री-प्राइमरी के होंगे और फिर क्लाव 1 एवं 2 होगा। इस फेज को फाउंडेशनल स्‍टेज कहा जाएगा।

क्‍लास 3 से 5 तक को प्रारंभिक चरण (Preparatory Stage) कहा जाएगा। क्‍लास 6 से 8 तक मीडिल स्‍कूल एजुकेशन होगी। 9 से 12वीं तक के आखिरी 4 साल सेकेंडरी एजुकेशन में काउंट होंगे। इस नए पैटर्न की शुरुआत नए सत्र 2025-26 से क्‍लास 1 से की जाएगी।

किताबें भी बदली जाएंगी

बता दें कि नई शिक्षा नीति के अनुसार अब महाराष्ट्र राज्य बोर्ड की किताबें NCERT के सिलेबस पर बेस्ड होंगी। सामाजिक विज्ञान और भाषायी विषयों में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। कक्षा-1 की किताबें बालभारती तैयार करेगी।

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आंगनवाड़ियों में भी लागू

राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के निदेशक राहुल रेखावर ने भी एक जानकारी दी है। राहुल ने बताया कि नए आदेशों को महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से आंगनवाड़ियों में भी लागू किया जाएगा। इस पहल को सफल करने के लिए टीर्च को स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

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Khushbu Goyal

Reported By

Vinod Jagdale

First published on: Apr 17, 2025 10:55 AM

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