Maharashtra CM Candidate: महाराष्ट्र में सीएम फेस को लेकर ठीक सब कुछ वैसा ही हो रहा है, जैसा 2019 में हुआ था। 2019 में बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा। दोनों को बहुमत मिला, लेकिन सीएम फेस को लेकर दोनों दलों में ठन गई। उसके बाद क्या हुआ, इससे हर कोई वाकिफ है। ठीक ऐसी ही स्क्रिप्ट 2024 में भी बनती नजर आ रही है।
महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे घोषित हुए 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन बीजेपी और शिवसेना में सीएम पद को लेकर रार छिड़ी हुई है। पहले शिवसेना ने सीएम पद पर अपना दावा ठोका। इसके बाद बीजेपी ने आंख दिखाई तो शिंदे एक्टिव हुए और उन्होंने बयान दिलवाया कि सीएम पर फैसला तीनों दलों की सहमति से होगा। इसके बाद बीजेपी ने सबसे बड़ी पार्टी होने का हवाला देते हुए सीएम पद पर दावा ठोका। वहीं शिंदे को ऑफर डिप्टी सीएम और केंद्रीय मंत्री का ऑफर दिया।
अब तक क्या हुआ?
सूत्रों की मानें तो अब शिंदे ने बीजेपी के ऑफर को ठुकराते हुए शिवसेना के लिए 2 डिप्टी सीएम और गृह मंत्रालय की डिमांड रखी। ऐसे में अब सवाल यह है कि अगर दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बनती है तो 2019 की कहानी फिर से दोहराई जा सकती है। हालांकि 2019 की तुलना में इस बार बीजेपी काफी मजबूत है। 2019 में बीजेपी के पास 105 सीटें थीं, लेकिन इस बार पार्टी के पास 132 सीटें हैं। जोंकि बहुमत के आंकड़े 145 से 13 सीट कम है। अब सवाल यह है कि बीजेपी अगर गठबंधन के दोनों सहयोगियों को दरकिनार कर सरकार बनाना चाहे तो उसके पास क्या विकल्प है?
जानें क्या है बीजेपी के पास विकल्प
बीजेपी के पास 132 विधायक हैं। अगर इसमें 4 निर्दलीयों को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 136 हो जाता है। इसके बाद जन सुराज जैसे छोटे दल के 2 विधायक बीजेपी को समर्थन देंगे। वहीं सात समर्थक विधायकों को साथ जोड़कर बीजेपी 145 के जादुई आंकड़े तक पहुंच सकती हैं। ये सातों विधायक बीजेपी के समर्थक है। इनमें 4 शिंदे के सिंबल पर तो 3 अजित पवार के सिंबल पर चुनाव लड़े थे। इसके अलावा छोटी पार्टियों के भी 6 विधायक हैं, जिन्हें बीजेपी अपने पाले में कर सकती हैं। ऐसे में बीजेपी के पास विधानसभा में कुल संख्या बल 152 हो जाएगा। जोकि 5 साल सरकार चलाने के लिए पर्याप्त होगा।
ये भी पढ़ेंः BJP के ऑफर पर शिंदे ने गिनाईं शर्तें, डिप्टी सीएम बनने को तैयार पर गृह मंत्रालय की भी मांग
शिंदे समझते हैं बीजेपी की कमजोरी
जुलाई 2022 में बीजेपी के सहयोग से सीएम बनने वाले एकनाथ शिंदे आखिर बीजेपी को अचानक से आंख क्यों दिखाने लगे हैं? इसके पीछे आखिर क्या राज है। इसका राज जानने के लिए ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है,बल्कि आज से ठीक 5 महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव ही काफी है। बीजेपी इस बार लोकसभा में अपने दम पर सत्ता में नहीं आ पाई। इस बार भगवा पार्टी को मात्र 240 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार इस बार सहयोगियों के दम पर सत्ता में हैं। बिहार में नीतीश कुमार की पलटीमार छवि को देखते हुए बीजेपी शिंदे को किसी कीमत पर नाराज नहीं करना चाहती है। बीजेपी महाराष्ट्र की सत्ता केंद्र की सत्ता गंवाकर कभी प्राप्त नहीं करना चाहेगी।
ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्र में मुश्किल में फंसी BJP, एकनाथ शिंदे ने ठुकराया डिप्टी सीएम का ऑफर