Shiv Sena MLAs’ disqualification case: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले से उद्धव ठाकरे को तगड़ा झटका लगा है। स्पीकर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 2018 में नेतृत्व संरचना शिवसेना के संविधान के अनुसार नहीं थी। पार्टी संविधान के मुताबिक, शिवसेना पार्टी प्रमुख किसी को भी पार्टी से नहीं निकाल सकते। इसलिए जून 2022 में उद्धव ठाकरे द्वारा एकनाथ शिंदे को हटाना शिवसेना के संविधान के आधार पर स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा कि 21 जून 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी गुट उभरे तो शिंदे गुट ही असली शिवसेना थी।”
Shiv Sena MLAs' disqualification case | Maharashtra Assembly speaker Rahul Narwekar says, "Also in my view, the 2018 leadership structure (submitted with ECI) was not as per the Shiv Sena Constitution. Shiv Sena party chief as per the party Constitution can not remove anyone from… pic.twitter.com/ts92LnyUUt
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इससे पहले, मामले की सुनवाई करते हुए स्पीकर ने कहा कि दोनों पार्टियों (शिवसेना के दो गुटों) द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए संविधान पर कोई सहमति नहीं है। नेतृत्व संरचना पर दोनों दलों के अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। एकमात्र पहलू विधायक दल का बहुमत है। इसलिए मुझे विवाद से पहले मौजूद नेतृत्व संरचना को ध्यान में रखते हुए प्रासंगिक संविधान तय करना होगा।
Shiv Sena MLAs' disqualification case | Maharashtra Assembly Speaker Rahul Narwekar observes, "There is no consensus on the constitution submitted by both the parties (two factions of Shiv Sena) to the EC. The two parties have different points of views on leadership structure.… pic.twitter.com/4YE4gzeecZ
— ANI (@ANI) January 10, 2024
‘1999 के संविधान पर भरोसा’
स्पीकर ने कहा कि शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता, क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, मैं किसी अन्य कारक पर नहीं जा सकता. जिसके आधार पर संविधान मान्य है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार, मैं वैध संविधान के रूप में शिव सेना के 1999 के संविधान पर भरोसा कर रहा हूं। ।
Shiv Sena MLAs' disqualification case | Maharashtra Assembly Speaker Rahul Narwekar says,"…The 2018 amended constitution of Shiv Sena cannot be considered as valid as it's not in the records of the Election Commission of India. As per Supreme Court orders, I can not delve into… pic.twitter.com/HxzcZvIFNJ
— ANI (@ANI) January 10, 2024
‘चुनाव आयोग द्वारा प्रदान किया गया शिवसेना का संविधान ही प्रासंगिक’
राहुल नार्वेकर ने कहा कि कौन सा गुट वास्तविक राजनीतिक दल है, इसके निर्धारण के लिए चुनाव आयोग द्वारा प्रदान किया गया शिवसेना का संविधान ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि मेरे सामने मौजूद साक्ष्यों और रिकॉर्डों को देखते हुए, प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि वर्ष 2013 के साथ-साथ वर्ष 2018 में भी कोई चुनाव नहीं हुआ था। हालांकि, 10वीं अनुसूची के तहत क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने वाले वक्ता के रूप में मेरा क्षेत्राधिकार सीमित है और मैं वेबसाइट पर उपलब्ध चुनाव आयोग के रिकॉर्ड से आगे नहीं जा सकता और इसलिए मैंने प्रासंगिक नेतृत्व संरचना का निर्धारण करते समय इस पहलू पर विचार नहीं किया है।
#WATCH | Maharashtra Assembly speaker Rahul Narwekar says, "In view of the evidence and records before me, prima facie indicates that no elections were held in the year 2013, as well as in the year 2018. However, I as the speaker exercising jurisdiction under the 10th schedule… pic.twitter.com/6PP5hNv8Aw
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नार्वेकर ने कहा कि इस प्रकार उपरोक्त निष्कर्षों को देखते हुए, मुझे लगता है कि ईसीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध 27 फरवरी 2018 के पत्र में प्रतिबिंबित शिवसेना की नेतृत्व संरचना प्रासंगिक नेतृत्व संरचना है जिसे यह निर्धारित करने के उद्देश्य से ध्यान में रखा जाना चाहिए कि कौन सा गुट है असली राजनीतिक दल है। बता दें कि इस फैसले को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष के एंटी चैंबर में वरिष्ठ अधिकारी और वकील मौजूद हैं। शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला चाहे जो भी हो, सरकार पर असर पड़ने की संभावना नहीं है। हालांकि, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी जा सकती है।
Maharashtra Assembly Speaker Rahul Narwekar pronounces verdict in Shiv Sena MLAs' disqualification case pic.twitter.com/KgW7k1W2Kg
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शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल
स्पीकर नार्वेकर के फैसले के बाद शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। उन्होंने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नारे भी लगाए।
#WATCH | Celebrations at the office of Shiv Sena- Shinde faction in Mumbai, after Maharashtra Speaker terms the faction as the "real" Shiv Sena political party pic.twitter.com/3TIykvk1f1
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शिंदे-ठाकरे ने क्या कहा?
स्पीकर का फैसला आने से पहले मुंबई में मीडिया से बातचीत करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि चुनाव आयोग ने उनके गुट को शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। हम ही आधिकारिक रूप से शिवसेना हैं। हमारे पास विधानसभा में बहुमत है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने स्पीकर नार्वेकर से सीएम शिंदे की मुलाकात पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि स्पीकर फैसले से पहले मुख्यमंत्री से मिल रहे हैं। इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। मुझे लगता है कि आज का फैसला किसी एक पार्टी से ज्यादा देश के लिए महत्वपूर्ण होगा। लोगों को पता चल जाएगा कि स्पीकर लोकतंत्र का पालन कर रहे है या नहीं।
बता दें कि 20 जून 2022 को शिंदे और उनके गुट के 39 विधायकों ने शिवसेना से बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन कर ली, जिसके बाद उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और शिंदे मुख्यमंत्री बने। वहीं, देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया। इस पर उद्धव गुट ने दल-बदल कानून के स्पीकर को नोटिस दिया। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा।
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