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बीजेपी के टिकट वितरण में दिखी हरियाणा जैसी रणनीति, महाराष्ट्र में कितना कारगर रहेगा मराठा-OBC मॉडल?

Maharashtra Assembly Election 2024: हरियाणा में जीत के बाद बीजेपी की तीसरी बार सरकार बन चुकी है। पार्टी नतीजों के बाद उत्साहित है। महाराष्ट्र का रण जीतने के लिए बीजेपी ने हरियाणा जैसी रणनीति बनाई है। उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में एक खास चीज का ध्यान रखा गया है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Oct 22, 2024 19:06
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Maharashtra Assembly Election 2024

Maharashtra Assembly Election: हरियाणा में शानदार नतीजे मिलने के बाद बीजेपी उत्साहित है। पार्टी मानकर चल रही है कि हरियाणा जैसे नतीजे ही महाराष्ट्र में देखने को मिलेंगे। हरियाणा में बीजेपी ने जाट-ओबीसी मॉडल को टिकट वितरण में अपनाया। जातीय संतुलन का पूरा ध्यान रखा गया। जिसका फायदा उसे मिला। इस बार महाराष्ट्र में मराठा-ओबीसी मॉडल पर चुनाव जीतने की उम्मीद बीजेपी को है। पहली लिस्ट में बीजेपी ने 99 उम्मीदवारों का ऐलान किया है। जिसमें जातीय संतुलन का पूरा ध्यान रखा गया है। पहली लिस्ट में देवेंद्र फडणवीस और चंद्रशेखर बावनकुले जैसे प्रमुख चेहरों पर दांव खेला गया है। माना जा रहा है बीजेपी को मराठा आंदोलन के कारण लोकसभा चुनाव में हार झेलनी पड़ी। इस खास रणनीति के साथ पार्टी कदम बढ़ा रही है।

हरियाणा मॉडल से राह होगी आसान!

रविवार को आई पहली लिस्ट एकदम हरियाणा के जाट-ओबीसी फॉर्मूले की कॉपी है। पार्टी को लग रहा है कि मराठा और ओबीसी के बीच संतुलन रहा तो महाराष्ट्र में उसकी राह आसान होगी। क्या बीजेपी को महाराष्ट्र में अपनी रणनीति का फायदा मिलेगा? यह देखने वाली बात होगी। पहली सूची में दोनों समुदायों के कैंडिडेट्स पर भरोसा जताया गया है। अनुभवी चेहरों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कैबिनेट मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और राधाकृष्ण विखे पाटिल को मैदान में उतारा गया है।

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भाजपा के सूत्रों के मुताबिक पार्टी को लोकसभा चुनाव में ‘मनोज जरांगे फैक्टर’ के कारण नुकसान उठाना पड़ा था। एक मीडिया हाउस की रिपोर्ट के मुताबिक जरांगे के आंदोलन की वजह से महायुति के खिलाफ वोट एकजुट हुए। विधानसभा चुनाव में नुकसान न हो, इसलिए पार्टी ने अधिक मराठा उम्मीदवारों को टिकट देने के बजाय विभिन्न समुदाय के लोगों पर भी भरोसा जताया। सधी रणनीति के तहत सभी समुदायों को अच्छी तरह संतुलित किया गया। अब भाजपा को अपनी इस रणनीति का कितना फायदा मिलेगा? नतीजों के ऐलान के बाद तस्वीर साफ होगी।

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बड़े और चुनिंदा नामों पर फोकस

बताया जा रहा है कि भाजपा ने चुनिंदा और बड़े नामों को टिकट देने पर फोकस किया। बीजेपी ने मराठवाड़ा से अशोक चव्हाण की बेटी, अहिल्यानगर से विखे पाटिल, कोंकण से नितेश राणे और रावसाहेब दानवे के बेटे पर भी दांव खेला है। ये जाने-माने नाम हैं, जो मराठा समुदाय से आते हैं। वहीं, पार्टी ने मुनगंटीवार, तुषार राठौड़ और बावनकुले जैसे ओबीसी नेताओं को टिकट देकर साफ कर दिया है कि वह किसी समुदाय विशेष के पक्ष में नहीं है। पार्टी की रणनीति सोशल इंजीनियरिंग की है। ओबीसी वोटों को बरकरार रखने के अलावा बीजेपी मानकर चल रही है कि उसे मराठा समुदाय का भी साथ मिलेगा।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Oct 22, 2024 07:06 PM

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