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50 छात्रों को दिया फर्जी एडमिशन, मुंबई के कॉलेजों में SCAM; सभी से वसूले 3-3 लाख… ऐसे खुला राज

Maharashtra Crime News: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बड़ा स्कैम सामने आया है। यहां के कॉलेजों में विद्यार्थियों को फर्जी तौर पर दाखिला दिया गया था। पुलिस ने मामले में कॉलेज के कर्मचारियों समेत 3 लोगों को अरेस्ट किया है। विस्तार से मामले के बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Dec 17, 2024 21:40
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Mumbai Crime News: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई बड़ा स्कैम सामने आया है। यहां के तीन कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर 50 छात्रों से 3-3 लाख की वसूली की गई। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिला दे भी दिया गया। पुलिस को मामले में 3 आरोपियों की तलाश है। विद्याविहार में केजे सोमैया कॉलेज के दो कर्मचारियों और एक अन्य व्यक्ति को 3 बाहरी लोगों की मदद से कथित तौर पर कैश फॉर एडमिशन रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस बाबत केजे सोमैया कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स के प्रिंसिपल डॉ. किशन पवार ने शिकायत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी मार्कशीट और स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट का उपयोग करके 50 छात्रों को एडमिशन दिया गया।

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प्रिंसिपल के अनुसार केजे सोमैया कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, एसके सोमैया विनय मंदिर जूनियर कॉलेज और केजे सोमैया कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स में एडमिशन के नाम पर धांधली की गई। मामले में पुलिस ने 49 वर्षीय महेंद्र विष्णु पाटिल, 43 वर्षीय अर्जुन वासराम राठौड़ और 55 वर्षीय देवेंद्र सयादे को अरेस्ट किया है। पाटिल एसके सोमैया विनय मंदिर जूनियर कॉलेज में क्लर्क है।

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वहीं, राठौड़ केजे सोमैया कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स में क्लर्क है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक DCP नवनाथ धावले ने मामले की पुष्टि की है। पुलिस रैकेट में शामिल जीतू भाई, बाबू भाई और कमलेश भाई की तलाश कर रही है। आरोपियों ने फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर 50 छात्रों को विभिन्न कॉलेजों में प्रवेश दिला दिया था। ज्यादातर विद्यार्थी आईबी, सीबीएसई, आईजीसीएसई और आईसीएसई जैसे बोर्डों के थे।

ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के दौरान इनका डाटा चेंज कर दिया जाता था। ये लोग इसी साल जून से रैकेट चला रहे थे। जिन छात्रों का नाम 3 मेरिट लिस्ट में नहीं आता था, आरोपी उनसे संपर्क करते थे। उनके माता-पिता से फर्जी एडमिशन के नाम पर 3 लाख में डील होती थी। मैनेजमेंट कोटा के आधार पर एडमिशन दिया जाता था। एडमिशन होने के बाद ही पैसा लिया जाता था। तीनों कॉलेजों में जांच के दौरान छात्रों के दस्तावेज फर्जी मिले थे। जिसके बाद जांच समिति बनाई गई थी, जिसने दोषियों का भंडाफोड़ कर दिया। शिक्षा निदेशालय ने फर्जी छात्रों के प्रवेश को रद्द करने का ऐलान किया है।

पासवर्ड और लॉगिन आईडी रखते थे अपने पास

जांच समिति के अनुसार केजे सोमैया कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स में 24 बच्चों की कक्षा 10 की मार्कशीट फर्जी मिली थी। जिन्होंने फर्जी लीविंग सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके कक्षा 11 में प्रवेश प्राप्त किया था। 17 छात्रों ने एसके सोमैया विनय मंदिर सेकेंडरी स्कूल और 9 छात्रों ने केजे सोमैया कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स में गलत तरीके से प्रवेश हासिल किया। पुलिस जांच में पता लगा है कि आरोपी सिस्टम द्वारा जेनरेट लॉगिन ID और पासवर्ड अपने पास रखते थे। इसके बाद फर्जी तरीके से कॉलेज के पोर्टल पर छात्रों का डाटा अपलोड कर देते थे। आरोपी पहले भी ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं या नहीं, महाराष्ट्र पुलिस इसकी जांच कर रही है?

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Dec 17, 2024 09:40 PM

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