Income Tax Tribunal Verdict in 3 Crore Gift Case: एक NRI ने अपनी मां को 3 करोड़ का तोहफा दिया, लेकिन इनकम टैक्स ने उस पर कर लगा दिया। NRI बेटा आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ मुंबई स्थित आयकर अपीलीय अधिकरण (ITAT) में पहुंचा तो दोनों पक्षों को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने NRI के पक्ष में फैसला सुनाया और गिफ्ट को कर मुक्त करार दिया। साथ ही आयकर विभाग की वर्किंग पर सवाल उठाते हुए कड़ी निंदा भी की।
आयकर विभाग ने गिफ्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए सर्कुलर ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए टैक्स लगाया था, लेकिन ट्रिब्यूनल ने सर्कुलर ट्रेडिंग के आयकर विभाग के दावे को खारिज कर दिया। ट्रिब्यूनल ने कहा कि इस गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगाया जा सकता। सर्कुलर ट्रेडिंग के आरोप आयकर अधिकारियों ने गूगल सर्च लगा दिए, जांच करनी जरूरी नहीं समझी। मामले में आयकर विभाग ने कोताही बरती है, इसलिए गिफ्ट को टैक्स फ्री किया जाता है।
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एक्ट के तहत करीबी से मिले तोहफे पर टैक्स नहीं लगता
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिकायतकर्ता NRI हांगकांग में हेज फंड ऑपरेटर है। उसने अपनी मां को 3 करोड़ का तोहफा भेजा, लेकिन यह तोहफा 2 किश्तों में आया। आयकर विभाग को इसकी भनक लगी और उन्होंने गिफ्ट की वैलिडिटी पर सवाल उठा दिए। सर्कुलर ट्रेडिंग का लेनदेन बताते हुए गिफ्ट पर टैक्स लगा दिया। आयकर अधिनियम में प्रावधान है कि शादी जैसे खास मौकों को छोड़कर 50 हजार रुपये से ज्यादा का तोहफा देने पर टैक्स लगता है, जो स्लैब के अनुसार काउंट होता है, लेकिन किसी करीबी से मिले गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगा।
इस मामले में आयकर विभाग ने एक्ट के विपरीत काम करते हुए 3 करोड़ रुपये के तोहफे को एक्ट की धारा 68 के तहत सर्कुलर ट्रेडिंग माना और कर लगा दिया। मामला ITAT पहुंचा तो बीआर भास्करन (लेखाकार सदस्य) और अनिकेश बनर्जी (न्यायिक सदस्य) की बेंच ने सुनवाई की और आयकर विभाग के खिलाफ फैसला सुनाया।
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