Guillain Barre Syndrome What : महाराष्ट्र के पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के 22 संदिग्ध मरीज पाए गए, जिसे लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। पुणे नगर निगम की टीम ने संदिग्ध मरीजों की जांच की और उनके नमूने आईसीएमआर-एनआईवी को भेज दिए। आइए जानते हैं कि क्या है गिलियन-बैरे सिंड्रोम?
पीटीआई ने नगर निगम अधिकारियों के हवाले से बताया कि पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के 22 संदिग्ध मरीज मिले। जीबीएस के ज्यादातर मामले शहर के सिंहगढ़ रोड इलाके में पाए गए। अधिकांश संदिग्ध मरीजों की उम्र 12 से 30 साल के बीच है। सिर्फ एक मरीज की आयु 59 साल है, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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जानें डॉक्टर ने क्या कहा?
सिविक हेल्थ डिपार्टमेंट की चीफ डॉ. नीना बोराडे ने कहा कि शहर के तीन से चार अस्पतालों में जीबीएस के संदिग्ध मरीज एडमिट हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में संदिग्ध गिलियन-बैरे सिंड्रोम के केस सामने आए हैं। उन्होंने विस्तृत जांच शुरू कर दी और विशेषज्ञ पैनल गठित किया है। डॉक्टर ने बताया कि आमतौर पर जीबीएस का कारण जीवाणु और वायरल संक्रमण बनते हैं, क्योंकि वे मरीजों की इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं।
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गिलियन-बैरे सिंड्रोम के क्या हैं लक्षण
गिलियन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्भल बीमारी है, जिसमें लोगों को कमजोरी महसूस होती। लोगों के शरीर में सुन्नता और मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है। इस बीमारी का मुख्य लक्ष्य शरीर में गंभीर कमजोरी है। इसे लेकर डॉक्टर का कहना है कि इस दुर्भल बीमारी से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक के अनुसार, गिलियन-बैरे सिंड्रोम के ये हैं लक्षण
- कमजोरी
- संवेदना में परिवर्तन
- आंख की मांसपेशियों और दृष्टि में कठिनाई
- निगलने, बोलने या चबाने में कठिनाई
- हाथों और पैरों में सुई चुभने या पिन और सुई चुभने जैसी समस्या
- दर्द जो गंभीर हो सकता है, विशेष रूप से रात में
- समन्वय संबंधी समस्याएं और अस्थिरता
- असामान्य हृदय गति या रक्तचाप
- पाचन और मूत्राशय नियंत्रण में समस्याएं