Aurangabad Kannad Seat Profile (इंद्रजीत सिंह, मुंबई) : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार कई सीटों पर रिश्ते दांव पर लगे हैं। कहीं चाचा-भतीजा तो कहीं भाई-भाई तो कहीं बाप-बेटी चुनावी मैदान में हैं। औरंगाबाद की कन्नड़ विधानसभा सीट पर पति-पत्नी आमने-सामने हैं, जिससे यह हॉट सीट बन गई। यहां निर्दलीय उम्मीदवार हर्षवर्धन जाधव अपनी पत्नी शिवसेना (शिंदे गुट) की प्रत्याशी संजना जाधव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। संजना जाधव बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय रेलवे राज्य मंत्री राव साहेब दानवे की बेटी हैं। इस सीट से महाविकास अघाड़ी (MVA) से शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के उदय सिंह राजपूत चुनावी मैदान में हैं, इसलिए मुकाबला त्रिकोणीय हो गया।
महाराष्ट्र चुनाव में एक बार फिर औरंगाबाद की कन्नड़ सीट सुर्खियों में है। पिछले चुनाव में उदय सिंह राजपूत ने जीत हासिल की थी और 20 हजार वोटों से हर्षवर्धन जाधव को हराया था। इस सीट को जाधव परिवार का गढ़ माना जाता है, क्योंकि उनके पिता रायभान जाधव यहां से दो बार विधायक चुके हैं और उनकी मां एक बार विधायक रहीं। हर्षवर्धन जाधव खुद 2009 और 2014 में दो बार लगातार विधायक रहे थे, लेकिन इस बार उनकी पत्नी चुनावी मैदान में हैं, जिससे वे काफी दुखी हैं। उनका कहना है कि यह भारतीय संस्कृति का अपमान है। उन्होंने कहीं नहीं सुना है कि पति-पत्नी आमने सामने चुनाव लड़ रहे हों।
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हर्षवर्धव जाधव का आरोप- बड़े नेताओं ने उनके परिवार को तोड़ा
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। हर्षवर्धन जाधव का कहना है कि उनके पिता रायभान जाधव ने यहां डैम का जाल बिछाया, जिससे किसानों को पानी की समस्या नहीं होती है और खेती अच्छी होती है। खास बात यह है कि कनेक्टिविटी अच्छी होने से लोगों को उनके फसल के अच्छे दाम मिल जाते हैं। हर्षवर्धन जाधव कहते हैं कि राजनीति के लिए बड़े नेताओं ने उनके परिवार को तोड़ डाला।
परिवार के नाम पर वोट मांग रहीं संजना जाधव
संजना जाधव अपने पति से मतलब तो नहीं रखती हैं, लेकिन वह अपने परिवार के नाम पर वोट मांग रही हैं। उनका कहना है कि वह निजी मामलों पर बात नहीं करेंगी, लेकिन उनकी जीत पक्की है। उनके हर बैनर पोस्टर में संजना हर्षवर्धन जाधव लिखा हुआ है। उन्होंने कहा कि परिवार के लोग उनके साथ हैं।
जानें इस सीट पर कितने वोटर हैं?
इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,32,000 वोटर हैं, जिसमें 20 फीसदी मराठा, 10 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। करीब 15 फीसदी बंजारी समाज के लोग और बाकी ओबीसी और एससी-एसटी हैं। शिवसेना (उद्धव गुट) के उम्मीदवार उदय सिंह राजपूत ने कहा कि जाधव परिवार ने यहां कुछ नहीं किया है, जो इंडस्ट्री आनी थी वह भी नहीं आई। यहां पर वे एमआईडीसी लाना चाहते हैं।
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दादा के नाम से फेमस हैं हर्षवर्धन
हर्षवर्धन जाधव का सामना खुद की पत्नी के साथ हो रहा है। हर्षवर्धन जाधव को इलाके में लोग दादा के नाम से जानते हैं- दादा यानी बड़े भाई। वे हमेशा इलाके में एक्टिव रहते हैं और जनता के लिए काम करते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 17 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। यहां पर कनेक्टिविटी अच्छी है, लेकिन लोकल सड़कें खराब हैं। पीने के पानी की भी समस्या है।