विपिन श्रीवास्ततव, भोपाल: आज आपको हम बताने जा रहे हैं अजब एमपी का गज़ब करप्शन। कैसे चिकित्सा शिक्षा विभाग में महज़ 4 हजार से क्लर्क की नौकरी शुरू कर अब 50 हजार वेतन पाने वाला सरकारी बाबू करप्शन की काली कमाई से देखते ही देखते करोड़पति बन गया।
नोटों की गड्डियां, 3 मंजिला आलीशान मकान, मकान की एंट्री गेट पर लगी नेम प्लेट पर किंग वाले चमचमाते लोगो के नीचे लिखा साईं कृपा मेंशन केसवानी हाउस। यकीन मानिए ये एक सरकारी क्लर्क का अकूत खजाना है। महज़ 4 हजार रुपए महीने से नौकरी शुरू कर अब 50 हजार रुपए महीने कमाने वाला क्लर्क हीरो केसवानी करप्शन की कृपा के सहारे करोड़पति बन गया।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित चिकित्सा शिक्षा विभाग सतपुड़ा भवन में बतौर सीनियर क्लर्क की नौकरी करने वाले हीरो केसवानी पर EOW की नजर थी। लगातार EOW को सूचना मिल रही थी कि हीरो केसवानी ने भ्रष्टाचार के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध सम्पत्ति तैयार की है। इस सूचना के आधार पर EOW ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया, जिसके बाद स्पेशल कोर्ट से तलाशी वांरट लेकर EOW की 15 सदस्यीय टीम ने बुधवार को बैरागढ़ में आरोपी हीरो केशवानी के 3 मंजिला इस आलीशान भवन पर छापा मारा।
जब EOW की कार्रवाई चल रही थी तभी इसी दौरान अचानक घबराकर हीरो केसवानी ने बाथरूम क्लीनर पी लिया, जिसके बाद EOW की टीम ने फौरन हीरो केसवानी को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां आरोपी की हालत बेहतर है।
ये है काली कमाई की लिस्ट
EOW की टीम तलाशी के दौरान हीरो केसवानी के इस डेढ़ करोड़ के 3 मंजिला आलीशान मकान में बेशकीमती साजो सामान देख कर दंग रह गई। क्लर्क के घर की वुडन फ्लोरिंग, हर एक रूम में महंगी पेनलिंग और वुडवर्क कराया गया है इतना ही नहीं छत पर आलीशान पेन्ट हाउस भी बनाया गया है।
क्लर्क की सरकारी नौकरी में रहते इतनी कमाई पर कोई शक न करें इसलिए केसवानी ने ज्यादातर सम्पत्ति अपनी पत्नी के नाम खरीदी और कई सम्पत्ति खरीदकर बेची जिसमें जीव सेवा संस्थान की बेशकीमती जमीन भी शामिल है। आरोपी हीरो केसवानी का बड़ा बेटा प्राईवेट नौकरी करता है और छोटे बेटे ने कुछ महीने पहले ही सरकारी क्लर्क की नौकरी ज्वाइन की है। बहरहाल EOW आरोपी और इसके परिजनों की और कितनी बेनामी संपत्ति है इसकी जांच कर रही है।