कर्ण मिश्रा, ग्वालियर: मध्य प्रदेश में बिजली विभाग की एक ऐसी लापरवाही देखने को मिली है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। मामला प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के गृह जिला ग्वालियर से है। यहां एक उपभोक्ता का बिल हज़ारों, लाखों, करोड़ों रुपये नहीं, बल्कि अरबों रुपये में आया, जिसके बाद उसकी हालत बेहद खराब हो गई। उपभोक्ता का ब्लड प्रेशर बढ़ गया। उसके पिता हार्ट पेशेंट हैं और वो अस्पताल में भर्ती हो गए।
दरअसल, शहर के पॉश इलाके सिटी सेंटर में मेट्रो टॉवर के पीछे शिव बिहार कॉलोनी में प्रियंका गुप्ता का घर है। प्रियंका ग्रहणी हैं और उनके पति संजीव कनकने पेशे से वकील हैं। संजीव बताते हैं कि इस बार उनका बिजली का बिल 34 अरब 19 करोड़ 53 लाख 25 हजार रुपये आया है, जिसे देखकर उनकी पत्नी प्रियंका का बीपी बढ़ गया और उनके पिता राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता जो हार्ट पेशेंट हैं ब्लड प्रेशर बढ़ने के चलते अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
बिल में हुआ संशोधन
हालांकि, बिजली दफ्तर के तमाम चक्कर काटने के बाद संजीव ने राहत की सांस ली है। क्योंकि उनका बिल बिजली कम्पनी ने संशोधित कर दिया है, जो अब महज 1300 रुपये के लगभग निर्धारित किया गया है। लेकिन इस बारे में बिजली बिजली कंपनी के महाप्रबंधक का कहना है कि ये मानवीय भूल है और सबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।
ऊर्जा मंत्री ने दिया चौंकाने वाला जवाब
उपभोक्ता पक्ष का तर्क है कि बिजली कम्पनी की इस खामी के पीछे की वजह अस्थाई कनेक्शनों को स्थाई नहीं करना है। इसी के चलते जिस मकान को खरीदे उन्हें दो साल से ज्यादा का वक्त बीत गया है मजबूरन कमर्शियल रेट पर बिजली का उपभोग करना पड़ रहा है। लेकिन बिजली बिल में बड़ी खामी के होने के बारे में जब ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से सवाल किया, तो उनका जबाब चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा कि तुरंत सुधारा गया है। इस पर कार्रवाई भी की जाएगी।
प्रदेश में बिजली कम्पनी की मनमानी से लोग खासे परेशान हैं। कहीं लोग पॉवर कट की समस्या से दो-चार हो रहे हैं, तो कहीं बढ़े हुए बिजली बिल उन्हें मुसीबत में डाल रहे हैं। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि बिजली कम्पनी की मनमानी से लोगों को कब तक राहत मिल पाएगी।
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