Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया। इसके बाद मुंबई स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर एनसीपी कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। शरद पवार के भतीजे अजीजीत त पवार ने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमने उन्हें बताया कि कार्यकर्ता काफी परेशान हैं। हमने उन्हें यह भी बताया कि पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि वह कार्यकारी अध्यक्ष होने के साथ-साथ पार्टी अध्यक्ष बने रहें। शरद पवार ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दो-तीन का वक्त मांगा है। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम दो दिन का इंतजार करेंगे। उसके बाद फिर धरने पर लौट आएंगे।
बता दें कि 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन हुआ था। तब से लेकर अब तक यानी पिछले 24 साल के शरद पवार पार्टी के अध्यक्ष हैं। पिछले साल यानी 2022 में ही शरद पवार को चार साल के लिए अध्यक्ष चुना गया था। मंगलवार सुबह शरद पवार ने अपनी आत्मकथा के विमोचन पर कहा कि अब मुझे लगता है कि पार्टी को संभालने के लिए किसी और को आगे आना चाहिए, इस उम्र में आकर मैं अब इस पद पर नहीं रहना चाहता।
#WATCH | "…we told him (Sharad Pawar) that workers are quite upset. We also told him that party workers want him to remain the party president along with having a working president. He said he will rethink his decision & requires 2-3 days…": NCP leader Ajit Pawar on Sharad… pic.twitter.com/8Fjb41QdDD
— ANI (@ANI) May 2, 2023
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अजीत पवार ने इस्तीफे का किया स्वागत
इससे पहले अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अगला पार्टी प्रमुख शरद पवार के अधीन काम करेगा। उन्होंने कहा कि पवार साहब (शरद पवार) हमेशा एनसीपी परिवार के प्रमुख रहेंगे। जो भी नया अध्यक्ष होगा वह पवार साहब के मार्गदर्शन में ही काम करेगा।
अजीत पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से फैसले पर भावुक नहीं होने को कहा। उन्होंने बताया कि शरद पवार ने कुछ दिन पहले सत्ता परिवर्तन की आवश्यकता जताई थी। हमें उनके फैसले को उनकी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य को भी देखना चाहिए। हर किसी को समय के अनुसार फैसला लेना है। उन्होंने सही फैसला लिया है। हालांकि पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग थी कि शरद पवार अपना फैसला वापस लें।
पार्टी के कई दिग्गज इस्तीफे से दुखी
वहीं, पार्टी के कई दिग्गज नेता इस फैसले से आहत हैं। छगन भुजबल, जितेंद्र आव्हाड और दिलीप वलसे पाटिल सहित एनसीपी नेताओं ने कहा कि वे एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। हम चाहते हैं कि आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।
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