Ujjain Mahakal temple wall collapses: उज्जैन के महाकाल मंदिर में शुक्रवार को बड़ा हादसा हुआ है। यहां लगातार हो रही तेज बारिश के चलते गेट नंबर चार की दीवार ढह गई है। बताया जा रहा है कि मिट्टी धंसने से ये दीवार गिरी है। दीवार गिरने से उसके मलबे में कई लोग दब गए, अभी तक मलबे की चपेट में आने से एक और महिला समेत दो लोगों के घायल होने की सूचना है। उज्जैन हादसे पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दुख जताया है। उन्होंने हादसे में मृतकों के परिजनों के 4-4 लाख और घायलों को 50 – 50 हजार की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
एक बच्चे के पैर में गंभीर चोटें, इंदौर किया गया रेफर
हादसे के बाद मौके पर बचाव कार्य जारी है। बारिश व पानी जमा होने से बचाव कार्य में दिक्कत हो रही है। सूत्रों के अनुसार हादसे में अब तक कुल करीब 10 लोग घायल हुए हैं। घायलों में बच्चे और महिलाएं शामिल है। घायल एक बच्चे के पैर में गंभीर चोटें लगी हैं, जिसे इंदौर के जिला अस्पताल में रेफर कर दिया है। पुलिस के अनुसार प्राथमिक जांच में मिट्टी धंसने के कारण हादसा होने की सूचना है। कुछ घायलों जिन्हें हल्की चोट लगी थी को मौके पर से ही प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया।
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उज्जैन के महाकाल मंदिर के गेट की दीवार गिरी, अब तक 2 की मौत, 6 घायल pic.twitter.com/Z1JpwFXQdE
---विज्ञापन---— Amit Kasana (@amitkasana6666) September 27, 2024
घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल
घटनास्थल पर स्थित लोगों ने बताया कि तेज आवाज के बाद दीवार गिर गई थी। कई फीट ऊंची इस दीवार का मलबा जमीन पर फैल गया। उस समय आसपास मौजूद बड़ी संख्या में लोग मलबे की चपेट में आ गए। हादसे से कुछ देर के लिए घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। लोग चीख-पुकार मचाते हुए अपनी जान बचाते हुए इधर-उधर भागने लगे। मृतकों के परिजनों और घायलों को आरबीसी 6(4) के तहत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
उज्जैन के महाकाल मंदिर के गेट की दीवार गिरी, अब तक 2 की मौत, 10 घायल, ये संख्या और बढ़ सकती है। pic.twitter.com/DXY7PWiBMj
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लगातार पानी बह रहा
हादसे के बाद आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने घायलों को मलबे से निकाला। मामले की सूचना पुलिस व दमकल विभाग को दी गई। बचाव दल ने मौके पर से मलबा हटाना शुरू कर दिया है। घटनास्थल के आसपास करीब 200 मीटर के दायरे में लोगों की आवाजाही रोक दी गई है। इसके अलावा मंदिर परिसर के बाहर और अंदर ऐसे संवेदनशील जगहों को चिन्हित किया जा रहा है, जहां बारिश के पानी से खतरा है। वहीं, जहां दीवार ढही है वहां लगातार पानी बह रहा है, जिससे बचाव कार्य में परेशानी हो रही है।