Shivraj Singh Chauhan Son Kartikeya Controversial Statement: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के सांसद बनने के बाद बुधनी की विधानसभा सीट खाली हो गई है। इस सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने वाले हैं। भाजपा की तरफ से इस सीट के लिए मैदान में रमाकांत भार्गव को उतारा गया है। उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों का प्रचार-प्रसार जारी है। हाल ही में रमाकांत भार्गव के लिए चुनावी प्रचार के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान ने एक ऐसा बयान दे दिया, जिसको लेकर वह विवादों में घिर गए हैं। कार्तिकेय का एक वीडियो सामने आया है।
कार्तिकये अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो। अपने पिता @ChouhanShivraj जी से सीखो। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिल कर भारत निर्माण में सहयोग करते हैं। १० साल तक मैं मुख्य मंत्री रहा लेकिन मैंने इस प्रकार की भाषा का कभी उपयोग नहीं किया आपके पिता गवाह हैं। पंचायत राज क़ानून में… https://t.co/BPi5neHNgy
---विज्ञापन---— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) October 25, 2024
विवादों में घिरे शिवराज के बेटे कार्तिकेय
वीडियो में चुनाव प्रचार के दौरान कार्तिकेय सिंह चौहान कहते दिख रहे हैं कि आखिर अपनी पोलिंग में गड़बड़ी करके हम अपनी ही इज्जत क्यों खराब करें? क्या हम लोगों को काम कराने के लिए मुख्यमंत्री के पास नहीं जाना है या काम कराने के लिए कृषि मंत्री के पास नहीं जाना है? आप लोग ही बताइए, सरपंच जी, गांव के लोगों का काम कैसे कराएंगे… जवाब दीजिए, अगर जरा भी 19-20 हुआ, तो हम किस मुंह से अपने नेताओं के पास काम करवाने के लिए जाएंगे। अगर गलती से भी कांग्रेस का विधायक जीतकर आ जाता है, तो गांव में नहीं एक ईंट लगने वाली है… आप सब समझ लेना।
यह भी पढ़ें: ‘हर युग में गुरुकुल और शिक्षा व्यवस्था ने हर चुनौती में अपनी भूमिका अदा की’, समारोह में बोले CM मोहन यादव
दिग्विजय की कार्तिकेय को नसीहत
कार्तिकेय के इस बयान पर पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने उन्हें खास नसीहत दी। दिग्विजय सिंह ने अपने X पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि कार्तिकेय अभी से इस तरह के भाषण न दें। अपने पिता शिवराज सिंह चौहान जी से थोड़ा भाषण देना सीखिए। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों एक साथ मिलकर काम करते हैं और भारत निर्माण करते हैं। मैं 10 साल तक मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री रहा हूं, लेकिन मैंने भाषण में इस तरह की भाषा का कभी इस्तेमाल नहीं किया है। इस बात के आपके पिता गवाह हैं। पंचायत राज कानून में निर्माण कार्य सरपंच की जिम्मेदारी होती है, न कि विधायक की। अभी तो आप न सरपंच हैं न विधायक। आप मेरे पौत्र नहीं हैं लेकिन उसके समान हैं।