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मध्य प्रदेश के इस गांव में होती है रावण की पूजा, जानिए क्या है इसकी मान्यता

Ravana Is Worshiped In Vidisha Village: दशहरे के दिन हर एक जगह रावण का पुतला दहन कर बड़ा जश्न के साथ विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन विदिशा जिले के तहसील नटेरन में रावण गांव में रावण का दहन नहीं बल्कि विशाल पूजा अर्चना की जाती है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Oct 10, 2024 19:31
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Ravana Worshiped In Vidisha Village of MP
Ravana Worshiped In Vidisha Village of MP

Ravana Is Worshiped In Vidisha Village: मध्य प्रदेश में एक गांव का नाम ही रावण है और यहां के लोग उन्हें भगवान मानकर पूजते हैं। ऐसे में एक गांव ऐसा भी है जिसका नाम ही रावण है और यहां दशहरे पर रावण की भव्य पूजा-आरती की जाती है। ये गांव मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में है जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।

रावण गांव में रहने वाले लोग शरीर पर टैटू गुदवाकर जय लंकेश, जय रावण बाबा लिखवाते हैं। यहां के लोगों के वाहनों, मकानों और दुकानों पर भी जय लंकेश, जय रावन लिखा होता है। रावण गांव में दशहरा के मौके पर रावण की पूजा की जाती है और विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।

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रावण गांव के लोग अपने आप को रावण बाबा का वंशज मानते हैं। गांव के लोगों की रावण के प्रति भक्ति देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं। यहां गांव के स्कूल, ग्राम पंचायत पर भी रावण लिखा हुआ है। आखिर इस गांव में लोगों की एक राक्षस के प्रति इतनी भक्ति भावना क्यों है, आइए जानें।

क्यों रखा गांव का नाम रावण ?

ऐसी मान्यता है कि इस पहाड़ी पर प्राचीन काल में बुद्ध नामक एक राक्षस रहा करता था जो रावण से युद्ध करने की इच्छा रखता था। जब वह युद्ध करने लंका पहुंचता तो लंका की चकाचौंध देख मोहित हो जाता और उसका क्रोध भी शांत हो जाता था। एक दिन रावण ने उस राक्षस से पूछा कि तुम दरबार में आते हो और हर बार बिना कुछ बताए चले जाते हो।

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तब बुद्ध राक्षस ने बताया, महाराज ( रावण) मैं हर बार आपसे युद्ध की इच्छा लेकर आता हूं, लेकिन यहां आपको देखकर मेरा क्रोध शांत हो जाता है। तब रावण ने कहा कि तुम कहीं मेरी एक प्रतिमा बना लेना और उसी से युद्ध करना है। तब से यह प्रतिमा बनी हुई है।

गाड़ियों पर लिखवाते हैं रावण का नाम

लोगों ने उस प्रतिमा की महिमा को देखते हुए वहां रावण बाबा का मंदिर बना दिया। लोगों की यहां रावण से इस कदर आस्था जुड़ी हुई है कि जब भी गांव में कोई गाड़ी खरीदता है, तो उस पर रावण बाबा का नाम जरूर लिखवाता है।

रावण बाबा मंदिर में उनकी आरती गाई जाती है। रावण को जलाने की बात वो सुन भी नहीं सकते हैं। दशहरे के दिन गांव में रावण दहन का शोक मनाया जाता है और रावण को मनाने के लिए खास पूजा की जाती है। रावण बाबा यहां के ग्राम देवता हैं और यहां पहली पूजा रावण बाबा की होती है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Oct 10, 2024 07:31 PM

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