MP Politics: सत्ता और विपक्ष के विधायकों में तीखी नोकझोंक देखने को मिलती है। खास तौर पर जब विधायक विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेते हैं तो फिर एक-दूसरे पर जमकर हमलें बोलते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के विधायक एक मुद्दे पर एकमत नजर आ रहे हैं। जानिए आखिर क्या वजह है जिस पर यह माननीय एकमत नजर आ रहे हैं।
स्टाफ बढ़ाने के लिए विधायकों का एकमत
दरअसल, विधायकों का स्टाफ बढ़ाने के मुद्दे बर बीजेपी और कांग्रेस के विधायक एक मत नजर आ रहे हैं। बात बात पर एक दूसरे से तीखी नोकझोंक करने वाले कांग्रेस बीजेपी विधायक स्टाफ बढ़ाने के लिए एक हैं। मध्य प्रदेश के विधायकों ने देश की दूसरी विधानसभा में ज्यादा स्टाफ का हवाला देकर यहां भी निजी स्टाफ बढ़ाने की मांग की है।
विधानसभा अध्यक्ष ने भी जताई सहमति
विधायकों के स्टाफ की कमी पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी सहमति जताई है। उनका कहना है कि विधायकों के पास स्टाफ की कमी है। स्पीकर ने भी उदाहरण देकर बताया कई राज्यों की विधानसभाओं में 8 से 10 लोगों का विधायकों का स्टाफ होता है। लेकिन मध्य प्रदेश में केवल दो या तीन लोग ही विधायकों के स्टाफ में होते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि स्टाफ की कमी के चलते ही विधायकों को काम करने में परेशानी होती है। जिससे विधायकों पर भी बोझ बढ़ रहा है। खास बात यह है कि बीजेपी विधायकों ने स्टाफ बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर उसे कांग्रेस का भी साथ मिला था। लोक लेखा समिति के सभापति कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने स्टाफ बढ़ाने की मांग की है।
मुंबई में होगा राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन
खास बात यह है कि यह मांग मुंबई में होने वाले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन से पहले उठी है। बता दें कि 15 से 17 जून तक मुंबई में राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन होगा, जिसमें शामिल होने के लिए पूरे देश से 1800 विधायकों ने स्वीकृति दी है। जिसमें मध्य प्रदेश से भी 100 से ज्यादा विधायकों ने अपना पंजीयन कराया है।
पूरे देश से पहली बार इतने विधायक इकट्ठा होंगे, जिनमें सभी अलग-अलग विचारधाराओं के विधायक सम्मेलन में शामिल होंगे, बताया जा रहा है कि इस सम्मेलन में सबसे ज्यादा जोर कम वोटिंग प्रतिशत का रहेगा। बताया जा रहा है कि वोटिंग प्रतिशत कैसे बढ़ाई जाए इस पर विधायक चर्चा करेंगे।