MP News: विपिन श्रीवास्तव। मध्य प्रदेश पुलिस की एक बार फिर किरकिरी होने का मामला सामने आया है। हुआ ये कि ग्वालियर पुलिस ने ड्रग्स के आरोप में मोहित तिवारी नाम के एक शख्स को 7 महीने पहले पड़कर जेल पहुंचाया था, उसी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिससे सब हैरान रह गए।
पुलिस ने पकड़ी ड्रग निकला यूरिया
दरअसल, मोहित तिवारी समेत 7 आरोपियों को 6 सितंबर 2022 को ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस और मुरार थाना पुलिस ने 760 ग्राम ड्रग्स के साथ पकड़ा था। तब से आरोपी ग्वालियर की सेंट्रल जेल में बंद था। इस दौरान मोहित तिवारी ने जमानत याचिका हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में पेश की। कोर्ट ने जमानत से पहले जब ड्रग्स की रिपोर्ट कोर्ट में तलब की तो बड़ा ही चौकाने वाला खुलासा हुआ, क्योंकि जो ड्रग्स पाउडर पुलिस ने पकड़ा था, वो रिपोर्ट में यूरिया सबित हुआ।
हाईकोर्ट ने डीजीपी को मुआवजा देने के लिए कहा
जब ड्रग्स की जगह पर यूरिया निकला तो हाईकोर्ट ने ग्वालियर पुलिस को जमकर फटकार लगाई है। साथ ही जेल में बंद ड्रग्स के आरोपी आवेदक मोहित तिवारी को 10 लाख का मुआवजा देने का आदेश मध्य प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी को दिया है। इसके अलावा जिन पुलिस अफसरों ने ये कार्रवाई की थी, उनकी जांच रिपोर्ट 2 महीने में पेश करने के आदेश डीजीपी को दिए है।
यह था पूरा मामला
बता दें की 6 सितंबर 2022 को ग्वालियर के मुरार और क्राइम ब्रांच पुलिस टीम ने संयुक्त कार्यवाई को अंजाम दिया था। जिसमें एमडीएमए ड्रग की बड़ी खेप पकड़ी थी। पुलिस ने ड्रग की खेप महाराष्ट्र और गोवा के सीमावर्ती इलाके से झांसी के एक बिचौलिए द्वारा लाना बताया था, साथ ही इसे सप्लाई करने वाले में दतिया के 5 तस्करों की अहम भूमिका बताई थी।
पुलिस द्वारा पकड़े गए 7 आरोपियों में एक महिला भी शामिल थी। इनके पास से 760 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स सहित दो देशी तमंचे और सात जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे। पुलिस की कहानी थी की पकड़े गए आरोपी, ड्रग को अमूमन युवाओं की पार्टी में सप्लाई करते थे, जिसे कॉलेज के लड़के लड़कियां बड़ी संख्या में कंज्यूम करते थे।