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‘हनुमान जी’ पर लगा टैक्स, कमिश्नर ने सुनाया फैसला, जानें क्या है पूरा मामला

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बजरंगबली पर टैक्स लगाना भारी पड़ गया और कमिश्वर ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया है।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Feb 9, 2024 22:18
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Ranjit Hanuman Temple Indore
इनकम टैक्स कमिश्नर ने सुनाया फैसला।

Madhya Pradesh News : आम आदमी हो या फिर कोई बड़ा अधिकारी, सबको ईश्वर के सामने झुकना पड़ता है। मध्य प्रदेश में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां हनुमान जी से अफसर हार गए। इनकम टैक्स के कमिश्नर ने मंदिर के पक्ष में आदेश दिया है। आइए जानते हैं पूरा माजरा।

इंदौर के प्राचीन श्री रणजीत हनुमान मंदिर ने नोटबंदी के दौरान अपने चढ़ावे को गिनवा कर बैंक में जमा कराया था। चढ़ावे की राशि ढाई करोड़ रुपये थी, जिस पर आयकर विभाग की नजर पड़ गई। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मंदिर को नोटिस जारी कर पूछा कि इतने सारे पैसे कहां से आए। इसके जवाब में मंदिर ने कहा कि भक्तों द्वारा प्रभु को दिए गए दान और चढ़ावे की राशि है।

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आईटी विभाग ने साढ़े तीन करोड़ रुपये का लगाया था टैक्स

इस पर आईटी विभाग ने सख्ती बरतते हुए साढ़े तीन करोड़ रुपये का टैक्स लगा दिया। उन्होंने कहा कि प्राचीन श्री रणजीत हनुमान मंदिर का न तो कोई पंजीकरण है और न ही ये कोई चेरिटेबल ट्रस्ट है। यह पूरा मामला इनकम टैक्स कमिश्नर के पास पहुंचा और उन्होंने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए टैक्स माफ करने का आदेश दिया।

इनकम टैक्स कमिश्नर ने दोनों पक्षों की सुनी बहस

मंदिर पक्ष ने इनकम टैक्स कमिश्नर के सामने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि सरकारी जमीन में यह मंदिर स्थित है, जिसका संचालन सरकार करती है। ऐसे में मंदिर के लिए टैक्स भरना कोई जरूरी है। इस पर आईटी विभाग ने कहा कि मंदिर ने जिस साल बैंक में रकम जमा कराई थी, उस समय धारा 88G और 12A में मंदिर रजिस्टर्ड नहीं था।

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आयकर विभाग ने माफ किया टैक्स

इनकम टैक्स कमिश्नर ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद आयकर विभाग ने साढ़े तीन करोड़ रुपये का टैक्स माफ कर दिया। इसे लेकर मंदिर पक्ष का कहना है कि इस फैसले के बाद अब इंदौर में जो मंदिर, मठ पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

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Written By

Deepak Pandey

First published on: Feb 09, 2024 10:18 PM

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