CM Mohan Yadav Targets Congress: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी के प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। पार्टी के प्रचार प्रसार के दौरान सीएम मोहन यादव प्रदेश भर में जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। इसी के तहत में सीएम मोहन यादव गुरुवार को शहडोल में आयोजित जनसभा में पहुंचे। यहां ब्यौहारी में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों की निगाह में माताओं बहनों की इज्जत नहीं होती है इसलिए वे आईफा अवार्ड करते हैं।
संस्कारधानी करे पुकार,
फिर एक बार मोदी सरकार।---विज्ञापन---आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कुशल नेतृत्व में डबल इंजन वाली भाजपा सरकार मध्यप्रदेश के विकास के लिए कृत संकल्पित है। अभूतपूर्व विकास की इस यात्रा के नए अध्याय को लिखने के लिए जनता-जनार्दन फिर मोदी जी को आशीर्वाद… pic.twitter.com/cgyBdLNgFy
— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) April 11, 2024
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सीएम मोहन यादव का कांग्रेस पर पलटवार
कांग्रेस के बयानों पर पलटवार करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि भारत में हम माताओं का सम्मान करते हैं। भगवान के नाम में भी पहले माता का नाम लेते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों की निगाह में माताओं और बहनों की इज्जत नहीं होती है, इसलिए वे आईफा अवार्ड करते हैं। वे महिलाओं को आइटम और पता नहीं कैसी-कैसी गालियां बकते हैं। मुझे तो बोलने में भी खराब लगता है। हमारी अपनी मातृ संस्कृति के आधार पर ही दुनिया के सभी देशों में हमारी जय जयकार होती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस के लोग सनातन संस्कृति, हमारे धर्म, मान बिंदु सभी को लज्जित करने का प्रयास करते हैं।
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कांग्रेस पर सीएम मोहन यादव का वार
सीएम मोहन यादव ने आगे कहा कि हमारे देवी देवताओं का अपमान करोंगे। हमारी सरकार ये बर्दाश्त नहीं करेगी। जिनको हम हजारों साल से मानते आए हैं, जिस पर हमें गर्व है। वहीं कांग्रेस और उसके नेता भगवान राम के बारे में प्रमाण मांगते हैं। कांग्रेसियों ने हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे लगाते रहे और लटकाते रहे। किसी भी पार्टी की सरकार हो सरकार का काम है कोर्ट के फैसले को लागू कराना। कोर्ट के लिए गए फैसले को लागू कराने की जवाबदारी भारत सरकार की होती है। इतिहास गवाह है सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था, यहां मुस्लिम भाई बहन भी होंगे। तीन तलाक के मामले में 415 की संख्या के साथ दिल्ली के अंदर राजीव गांधी की सरकार में तीन तलाक गलत है का निर्णय आया था।