CM Mohan Yadav Next Cabinet Meeting in Maheshwar: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बीते दिन सुशासन भवन में एक बैठक आयोजन किया। इस बैठक में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्मशताब्दी के आयोजन पर चर्चा की। बैठक में सीएम मोहन यादव ने ऐलान किया कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए राज्य सरकार अपनी कैबिनेट की बैठक महेश्वर में आयोजित करेगी। इस दौरान सीएम मोहन यादव ने बताया कि सालों पहले देवी अहिल्याबाई होलकर ने विधवा विवाह को प्रोत्साहन, खासगी प्रथा और माहेश्वरी साड़ी निर्माण में महिलाओं को जोड़ने जैसे काम किए हैं, जो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज सुशासन भवन, भोपाल में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी की 300वीं जयंती के आयोजन के लिए गठित समारोह समिति की बैठक में सहभागिता कर अपने विचार साझा किए एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
---विज्ञापन---बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा एवं अन्य मंत्रीगणों की… pic.twitter.com/jGKIUA7gfG
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) September 13, 2024
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लोकमाता देवी अहिल्याबाई का शासन
बैठक में सीएम मोहन यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं और उसके बाहर जा कर प्रसिद्ध तीर्थों और धार्मिक स्थानों में मंदिर, घाट, कुंए और बावड़ियों का निर्माण करवाया। उनका शासनकाल न्यायप्रियता के लिए जाना जाता है। देवी अहिल्याबाई ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई काम किए गए हैं। उन्होंने विधवा विवाह को प्रोत्साहन और खासगी प्रथा पर जो काम किया है, वो महिला सशक्तिकरण का खास उदाहरण हैं। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं को माहेश्वरी साड़ियां बनाने में जोड़ा, जिससे महिलाओं में आर्थिक आत्मनिर्भरता का बढ़ी।लोकमाता देवी अहिल्याबाई के व्यक्तित्व और कृतित्व को समग्र रूप से नई पीढ़ी के सामने लाया जाना चाहिए।
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सीएम मोहन यादव की घोषणाएं
इस बैठक में सीएम मोहन यादव ने कुछ खास घोषणाएं भी की है। सीएम मोहन यादव ने बताया कि एक अभियान चलाया जाएगा, जिसमें देवी अहिल्या से जुड़ी ऐतिहासिक सामग्री के संकलन किया जाएगा। इसके अलावा इंदौर के देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय में रिसर्च पीठ स्थापित की जाएगी, जिसमें देवी अहिल्या की न्यायप्रियता, शासन-प्रशासन में नवाचार, लोक कल्याण सहित उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व व कृतित्व पर शोध किया जाएगा। इसके अलावा सीएम मोहन यादव ने बटालियनों के नाम महापुरूषों के नाम पर रखने के निर्देश भी दिए।