Dilapidated Houses Will Be Marked In Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में जर्जर भवनों की दीवार और छज्जा गिरने से दुर्घटनाओं के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। अब इसको लेकर प्रदेश सरकार गंभीर हुई है। उसी कडी में राजधानी में गोविंदपुरा विधायक और राज्यम़ंत्री कृष्णा गौर ने भी कडा रूख अपनाते हुए इसको लेकर भोपाल के अधिकारियों की बैठक ली है। उन्होंने कहा कि जर्जर मकानों को चिन्हित कर इनके रहवासियों को आवास की वैकल्पिक व्यवस्था किया जाए। कुछ दिन पूर्व सागर के शाहपुर में हुए हादसों के बाद प्रदेशभर में प्रशासनिक अमला जर्जर भवनों को लेकर एक्टिव हो गई है। राजधानी के गोविंदपुरा क्षेत्र में भी जर्जर मकानों का सर्वे किया जा रहा है।
गुरुवार को इसी सिलसिले में पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री और स्थानीय विधायक कृष्णा गौर ने अधिकारियों संग बैठक की और इलाके में जर्जर मकानों को जल्द से जल्द चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए। चिन्हांकन के बाद इन मकानों में रहने वाले रहवासियों को पुनर्विस्थापित कर जर्जर मकानों को तकनीकी परीक्षण के आधार पर गिराने की कार्रवाई करें।
रहवासियों का होगा पुनर्विस्थापन
राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने अधिकारियों से कहा कि जर्जर मकानों में रहने वाले रहवासियों को पुनर्विस्थापित करने के बाद ही जर्जर मकानों को गिराने की कार्रवाई करें। राज्य मंत्री के निवास कार्यालय पर आयोजित हुई समीक्षा बैठक में एसडीएम गोविंदपुरा, तहसीलदार गोविंदपुरा, हाउसिंग बोर्ड, नगर निगम, बीडीए, एमपीईबी और संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए। राज्य मंत्री ने एसडीएम रवि श्रीवास्तव से कहा कि वह अधिकारियों के दल के साथ गोविंदपुरा क्षेत्र की अलग-अलग कॉलोनियों के पुराने मकानों का सर्वे कर जर्जर मकानों को चिन्हित करें।
चिन्हांकन के बाद इन मकानों में रहने वाले रहवासियों को पुनर्विस्थापित कर जर्जर मकानों को तकनीकी परीक्षण के आधार पर गिराने की कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि बारिश में जर्जर मकानों के क्षतिग्रत होने से होने वाले नुकसान की आशंका को ध्यान में रखते हुए यह कार्रवाई प्राथमिकता के साथ की जाए।
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