मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भाजपा की बहुमत के साथ जीत के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इसके पीछे ईवीएम हैकिंग का आरोप लगाया था। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके सिंह ने अब दावा किया है कि भाजपा के नेता मतगणना से दो दिन पहले ही यह जानते थे कि चुनाव का परिणाम क्या आने वाला है।
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दो स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं। इनमें से एक फेसबुक का है और दूसरा चुनाव आयोग की वेबसाइट का है। सिंह ने लिखा है कि भाजपा कार्यकर्ता लिख रहे हैं कि खाचरौद विधानसभा सीट पर किसे कितने वोट मिले और कौन कितने वोट से जीत रहा है। दूसरे में इस सीट पर चुनाव परिणाम दिया गया है।
सिंह ने दावा किया कि फेसबुक पोस्ट मतगणना से दो दिन पहले यानी एक दिसंबर की है। बता दें कि नागदा-खाचरौद विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी डॉ. तेजबहादुर सिंह को 15,927 मतों के अंतर से जीत मिली है। उनके सामने कांग्रेस ने दिलीप सिंह गुर्जर को उतारा था।
https://twitter.com/digvijaya_28/status/1731969569827566019
भाजपा समर्थक है पोस्ट करने वाली फेसबुक प्रोफाइल
जिस फेसबुक पोस्ट का दिग्विजय सिंह ने जिक्र किया है वह अनिल छच्चेड नाम की प्रोफाइल से की गई थी। यह प्रोफाइल 2015 में बनाई गई थी और इसके 5000 से ज्यादा फॉलोअर हैं। प्रोफाइल में अनिल की विजेता भाजपा उम्मीदवारों के साथ और पार्टी की रैलियों में शिरकत करते कई तस्वीरें हैं। इसके अलावा भाजपा को समर्थन वाली कई पोस्ट भी की गई हैं।
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इस पोस्ट में लिखा गया था कि उज्जैन जिले के खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 78 हजार 364 वोट पड़े थे। पोस्ट में लिखा है कि भाजपा प्रत्याशी को 93,000 और कांग्रेस उम्मीदवार को 77,000 वोट मिले। संयोग यह है कि असल आंकड़ा भी इससे मिलता-जुलता है। भाजपा प्रत्याशी के खाते में 93,552 वोट आए और कांग्रेस को 77,625 वोट मिले।
खुद पर भी भरोसा नहीं करते दिग्विजय: भाजपा नेता
दिग्विजय के इस आरोप को लेकर भाजपा नेता और विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि वह किसी पर भरोसा नहीं करते, वह ईवीएम पर भरोसा नहीं करते, उन्हें अपने आप पर भी भरोसा नहीं है।
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इससे पहले ईवीएम को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा था कि चिप वाली हर मशीन को हैक किया जा सकता है। मैं 2003 से ईवीएम से मतदान का विरोध करता आ रहा हूं। उन्होंने कहा था कि क्या हम इस बात की अनुमति दे सकते हैं कि भारतीय लोकतंत्र को पेशेवर हैकर नियंत्रित करें! यह ऐसा सवाल है जिस पर हर राजनीतिक दल को ध्यान देना होगा।