Kuno Cheetah Death: कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला जारी है। मंगलवार को कूनो में चीते तेजस की मौत हुई थी। जिसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम किया था, जिसकी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि मादा चीता के साथ हुई झड़प के बाद से ही वह आंतरिक रूप से कमजोर हो गया था। तेजस इस सदमें से रिकवर नहीं कर पाया। जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
तेजस के शरीर के अंग काम नहीं कर रहे थे
कूनो नेशनल पार्क के अधिकारी ने बताया कि ‘रिपोर्ट में यह भी पुष्टि हुई है कि चीते के फेफड़ों और गुर्दे में संक्रमण था। जिससे शरीर के आंतरिक अंग सामान्य रूप से काम नहीं नहीं कर रहे थे। तेजस के फेफड़े, दिल, तिल्ली और गुर्दे सामान्य नहीं पाए गए थे। जो उसकी मौत की बड़ी वजह मानी जा रही है।
वजन भी हो गया था कम
इसके अलावा पोस्टमार्टम में बताया गया कि शव परीक्षण के दौरान तेजस का वजन 43 किलोग्राम पाया गया, जो सामान्य नर चीते के औसत वजन से भी कम था। यानि चीता तेजस का वजन भी कम हो गया था। वहीं कूनो में चीता तेजस की मौत का संभावित कारण ट्रॉमेटिक शॉक भी बताया जा रहा है।
हृदय के एरोटा और ओरिकल में चिकन फैट का जमाव के साथ ही जमा हुआ रक्त भी पाया गया है। पालपुर स्थित वाइल्ड लाइफ हॉस्पिटल में तेजस के शव का परीक्षण किया गया था। फिलहाल चीते की मौत के बाद से ही कूनो नेशनल पार्क में हड़ंकप मचा हुआ है।
अब तक 3 शावक समेत 7 चीतों की मौत
फिलहाल इस चीते की मौत के बाद पिछले चार महीनों में 3 शावकों समेत 7 चीतों की मौत हो चुकी है। जिससे कूनो नेशनल पार्क में चीतों को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। क्योंकि इससे पहले तीन शावकों की मौत हुई थी, जबकि एक-एक कर तीन चीतों ने भी दम तोड़ दिया था। जिसमें दो चीते आपसी संघर्ष में घायल हुए थे, जिनकी बाद में मौत हो गई थी। आपको बता दें कि चीतों की लगातार मौत का सिलसिला अभी थमा नहीं है। जबकि चीतों को बचाने नेशनल टाइगर अथॉरिटी ने 11 सदस्यीय चीता स्टीयरिंग कमेटी भी बनाई है।
बता दें कि 17 सितंबर 2022 को पीएम मोदी के जन्मदिन पर नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। इस तरह कूनो में कुल 20 चीते हो गए थे। जबकि एक मादा चीता ने चार शावकों को जन्म दिया था। इस तरह कुल 20 चीतों में से चार की मौत जाने पर अब 16 चीते ही कूनो नेशनल पार्क में बचे है। जबकि चार शावकों में से भी तीन शावकों की मौत हो चुकी है। जिनमें अब केवल एक ही शावक जिंदा बचा है। इस तरह से कूनो में 16 चीते और एक शावक बचा हुआ है।