Kamal Nath CM Shivraj: मध्य प्रदेश में लगातार बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में 70 से 80 प्रतिशत तक फसलें खराब हो चुकी है। सरकार ने फसलों के सर्वे के निर्देश भी दिए हैं। लेकिन बारिश और ओलावृष्टि से मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के नेता भी आमने-सामने हैं। अब कमलनाथ ने सीएम शिवराज को पत्र लिखा है।
जल्द मुआवजा देने की मांग
पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर जल्द से जल्द किसानों को फसलों का मुआवजा देने की मांग की है। कमलनाथ ने पत्र में लिखा कि ‘बर्बाद फसलों का तुरंत मुआवजा किसानों को दिया जाए क्योंकि इस वक्त किसान बहुत परेशानी में हैं। बारिश और ओलावृ्ष्टि से पूरी फसल नष्ट हो चुकी है, इसलिए किसानों को राहत देना बहुत जरूरी है।’
जिस समय किसान त्राहि त्राहि कर रहा है उस समय प्रशासन में इस तरह की अफरा-तफरी मुख्यमंत्री की ओर से गंभीर अपराध से कम नहीं है।
मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि कांग्रेस को कोसना छोड़कर तत्काल किसानों की मदद करें और अधिकारियों की न्यायोचित मांगें मानकर हड़ताल समाप्त कराएं।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 20, 2023
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बकाया बिलों की वसूली रोकी जाए
कमलनाथ ने पत्र में लिखा कि ‘फिलहाल बारिश और ओलावृष्टि के बाद किसानों से बिजली के बकाया बिलों की वसूली रोकी जाए, जबकि किसानों से फसल ऋण की वसूली भी तुरंत रोक दी जाए। क्योंकि इस वक्त किसानों के पास बकाया बिल या फसल ऋण जमा करने की हिम्मत नहीं है। इसलिए इन पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।’
किसानों को जल्द राहत देना जरूरी
कमलनाथ ने लिखा कि ‘मालवा निमाड़, बुंदेलखंड महाकौशल एवं नर्मदा पुरम के अनेक जिलों में फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। जबकि अब तक एक भी किसान को राहत राशि नहीं मिली है। रबी की गेहूं, चना, मटर सरसों,अलसी, धनिया ईसबगोल आदि की फसलें या तो खेत में खड़ी थी या थ्रेसिंग के लिए खेत में कटी रखी थी, लेकिन ये फसलें ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से खराब हो गई हैं। जिनसे किसानों को अब कोई उम्मीद नहीं बची है। इसलिए किसानों को जल्द से जल्द राहत मिलनी चाहिए।’
बता दें कि मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। कई जिलों में इतनी ओलावृष्टि हुई है कि ओले सड़कों पर जम गए हैं। जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि सरकार ने सर्वे के निर्देश भी दिए हैं। लेकिन अब इस मुद्दे पर सियासत भी जमकर हो रही है।