ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर के सागरताल के सामने पुराने खंडहर से अति प्राचीन शिवलिंग निकलने की जानकारी लगने पर वहां शिव भक्तों का तांता लग गया है। देखते ही देखते शहर भर के लोग वहां पहुंचने लगे और शिवलिंग की पूजा अर्चना शुरू हो गई। प्राचीन शिवलिंग 200 साल पुराना बताया जा रहा है।
इस तरह मिला शिवलिंग
दरअसल, बहोड़ापुर थाना के सागर ताल के सामने से एक युवक गुजर रहा था। उसकी नजर वहां एक पुराने खंडहर पर पड़ी तो उसे शिवलिंग दबे होने का आभास हुआ। जब उसने हाथ से उसे साफ किया तो वह शिवलिंग नजर आया। उसने अपने दोस्तों को बुलाकर खंडहर की सफाई की और शिवलिंग को बाहर निकाला। जानकारी लगने पर आसपास के लोग भी इकट्ठा होने लगे। पास के ही एक मंदिर के पुजारी भी मौके पर पहुंचे और आरती कर पूजा अर्चना की।
पुजारी ने बताई शिवलिंग की कहानी
देखते ही देखते खंडहर से दबे हुए प्राचीन शिवलिंग की जानकारी शहर भर में फैली तो वहां शहर के अलग-अलग कोनों से लोग पहुंचना शुरू हो गए। कोई भगवान भोले को फूल चढ़ाने लगा तो कोई अभिषेक करने लगा, लेकिन एक पुजारी ने लोगों को बताया कि यह मंदिर बीते साल सड़क चौड़ीकरण के दौरान तोड़ा गया था।
उस दौरान शिवलिंग पत्थरों के बीच दब गया, जिसे किसी ने हटाया नहीं, कई बार प्रशासन से कहा गया कि इस अति प्राचीन शिवलिंग को व्यवस्थित रखकर मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाए, लेकिन प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली।
अब युवाओं ने शिवलिंग को बाहर निकलकर स्थापित कर दिया है। शिवलिंग को लेकर कहा जाता है कि यह 200 साल से अधिक पुराना है। यही कारण है कि लोगों की आस्था उमड़ी है। लोगों की मांग है कि मंदिर की पुनर्स्थापना कर भगवान भोले की पूजा-अर्चना शुरू की जाएगी।
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