Kuno Cheetah Project: कूनो अभ्यारण में अफ्रीका से लाए गए चीतों में से अब तक 6 की मौत हो गई है। जिनमें तीन चीते और तीन शावक शामिल हैं। चीतों की लगातार हो रही मौतों से अब प्रशासन और सरकार भी अलर्ट नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए चीतों की मौत की जानकारी ली। इसके अलावा जानकारी सामने आई है कि चीतों को कूनों के साथ दूसरे अभ्यारण में भी बसाया जा सकता है।
गांधीसागर अभ्यारण में होगी चीतों की बसाहट
बताया जा रहा है कि एमपी में कूनो नेशनल पार्क के अलावा प्रदेश के दो अन्य अभ्यारणों में भी चीतों को बसाने की योजना शुरू हो गई है। चीतों की बसाहट के लिये गांधीसागर अभ्यारण में भी तैयारियां शुरू की गई हैं। गांधीसागर अभयारण्य में नंवबर तक आवश्यक तैयारी पूरी होने की संभावना हैं। इसके अलावा नौरादेही अभ्यारण में भी चीतों की बसाहट की जाएगी।
टाइम लाइन निर्धारित करने के निर्देश दिए गए
बताया जा रहा है कि वन विभाग को नौरादेही और गांधीसागर अभयारण्य में चीतों की बसाहट के लिए तैयारियों के लिए टाइम लाइन निर्धारित करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। टाइम लाइन निर्धारित कर नवगठित प्रोजेक्ट चीता स्टीयरिंग कमेटी से अनुमोदन करवाने के निर्देश जारी किए हैं, जिस पर जल्द ही काम शुरू होगा।
कम वजन होने से हुई चीतों की मौत
चीतों की मौत का कारण कम वजन होना बताया गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कूनो में चीतों की मौत के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ली है। 23 मई को चीता शावकों की हुई मौत के संभावित कारण पोषण में कमी और भीषण गर्मी बताया गया है। जबकि चौथे शावक को रेस्क्यू कर वन्य-प्राणी चिकित्सकों की निगरानी में उसका इलाज जारी है। मृत शावकों का वजन बेहद कम 1.6 किलोग्राम था। जबकि मानकों के अनुसार इस आयु के शावकों का वजन लगभग 3 किलोग्राम होना चाहिए।
बता दें कि अब तक कुल छह चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया है, जिनकी दिन-रात मॉनिटरिंग की जा रही है, अगले कुछ दिनों में 3 और चीतों को खुले जंगल में छोड़े जाने की योजना है। फिलहाल प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट बना हुआ है।