MP News: शिवराज सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। भोपाल से 14 किलोमीटर दूर इस्लाम नगर का नाम बदल दिया गया है। अब इस्लाम नगर को जगदीशपुर के नाम से जाना जाएगा। अब फंदा जनपद स्थित ग्राम पंचायत इस्लाम नगर अपने पुराने नाम जगदीशपुर के नाम से जानी जाएगी। इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है।
308 साल पहले बदला था नाम
बता दें कि इस गांव का नाम पहले जगदीशपुर ही था, लेकिन 300 साल पहले औरंगजेब की सेना के सैनिक दोस्त मोहम्मद खान ने 308 साल पहले इसका नाम इस्लाम नगर किया था, जिसे वापस जगदीशपुर की मांग लंबे समय से चल रही थी, जो अब पूरी हो गई है।
मध्य प्रदेश : भोपाल ज़िले के इस्लाम नगर गांव का नाम बदलकर जगदीशपुर किया गया
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1 फरवरी से लागू होगा नाम
बता दें कि राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन कराया है, जिसमें बताया गया है कि 1 फरवरी से भोपाल जिले के ग्राम इस्लाम नगर का नाम परिवर्तित कर जगदीशपुर किया जाता है। यह अधिसूचना मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से एवं आदेशानुसार अपर सचिव चंद्रशेखर वालिंबे द्वारा जारी की गई है। जिसके बाद से ही अब इस गांव का नाम जगदीशपुर होगा।
30 साल से उठ रही हैं मांग
इस्लाम नगर गांव का नाम बदलने की मांग 30 साल से उठ रही है। 17 साल पहले ग्राम पंचायत ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर गांव का नाम बदलने की मांग की थी, लेकिन तब से लेकर अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया था। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि इस मांग को लेकर सक्रिए थे। भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी इस गांव का नाम बदलवाने के लिए सक्रिए थी। ऐसे में करीब 308 साल बाद केंद्र और राज्य सरकार ने नाम बदलने पर इस पर मुहर लगा दी।
बताया जा रहा है कि गांव का नाम बदलने के बाद पंचायत में जश्न का माहौल है। पंचायत में अब एक बड़े आयोजन की तैयारियां भी की जा रही हैं, यहां के स्थानीय बैरसिया विधायक विष्णु खत्री, पुरातत्व विभाग के अधिकारी व ग्रामीणों के साथ महल का निरीक्षण भी कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि गांव का नाम बदलने के बाद जो आयोजन किया जा रहा है, उसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे।
भोपाल से 14 किलोमीटर दूर हैं गांव
बता दें कि यह गांव भोपाल से 14 किलोमीटर दूर है। इस्लाम नगर का नाम जगदीशपुर करने के लिए प्रस्ताव गांव के मुस्लिम सरपंच के रहते ही भेजा गया था। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि यहां हिंदू मुस्लिम को लेकर कोई भेदभाव नहीं है। सभी एक साथ मिलजुलकर रहते हैं। हमारे गांव में कभी कोई दंगे नहीं हुए। गांव में दीप जलाकर फैसले का स्वागत किया जाएगा।