गुजरात के अहमदाबाद में बीते गुरुवार को हुए प्लेन क्रैश के बाद न जाने कितनों की जिंदगी बदल गई। वहीं, इस घटना में ग्वालियर के रहने वाले एमबीबीएस स्टूडेंट आर्यन राजपूत की जान चली गई, जो उस वक्त मेस में खाना खाने के बाद हाथ धो रहा था। इस हादसे में आर्यन राजपूत के दोस्त की किस्मत अच्छी रही, जो उसके साथ खाना खाकर बाहर आ गया था। दोनों दोस्त खाना खत्म करके बाहर जाने वाले थे, लेकिन 20 साल के आर्यन ने अपना फोन अपने दोस्त को देकर कहा कि तुम चलो, मैं हाथ धोकर आता हूं। दोस्त तो बाहर चला आया, लेकिन आर्यन वहीं रह गया।
हादसे से पहले क्या हुआ था?
इस विमान हादसे से पहले 2 एमबीबीएस स्टूडेंट खाना खत्म कर बाहर जाने को हुए थे, जिसमें मृतक ने अपने दोस्त को कहा कि तुम जाओ, मैं भी आता हूं। फिर वह हाथ धोने लगा, कि तभी हॉस्टल की बिल्डिंग से एयर इंडिया की फ्लाइट टकरा गई। उसी क्षण सब कुछ हमेशा के लिए बदल गया। उसी दोस्त ने आर्यन का फोन उठाकर उसके परिवार वालों को फोन किया। आर्यन को इतनी गंभीर चोटें आई थीं कि उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। वहीं, आर्यन का परिवार तुरंत अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ, लेकिन तब तक आर्यन मर चुका था।
एमपी का रहने वाला था आर्यन
आर्यन राजपूत मध्य प्रदेश के जिकसौली गांव का रहने वाला था। वह एमबीबीएस के सेकेंड ईयर का स्टूडेंट था। विमान हादसे से पहले वह मेस में अपने दोस्त के साथ मौजूद था। उसका शव उसके परिवार को सौंप दिया गया है। वहीं, इस हादसे के बाद आर्यन के दोस्त ने उसके घर पर फोन करके सारी बात बता दी थी। आर्यन के चचेरे भाई को जब उसके दोस्त का कॉल आया था, जिसे सुन सबकी दुनिया एक झटके में बदल गई थी। उनके मुताबिक, आर्यन पढ़ाई में काफी होशियार था। उसने बिना किसी कोचिंग की मदद से 720 में से 700 मार्क लेकर एडमिशन लिया था।
बेटे को डॉक्टर बनाना चाहते थे- पिता रामहेत राजपूत
मृतक के पिता रामहेत राजपूत के मुताबिक, वह अपने बेटे को डॉक्टर बनाना चाहते थे। जबकि उनका बड़ा बेटा सिविल सर्विसेज़ की प्रिपरेशन कर रहा था। एक पिता और किसान होने के नाते वो कड़ी मेहनत कर सकते हैं, ताकि बच्चों की जिंदगी संवर सके। इस बीच गांव के सरपंच ने बताया कि आर्यन की मौत के बारे में अबतक उसकी मां को नहीं बताया गया है।
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