---विज्ञापन---

झारखंड को लेकर बीजेपी आक्रामक क्यों? अमित शाह ने की श्वेत पत्र की बात… घर में ही घिर जाएंगे हेमंत सोरेन?

Jharkhand BJP News: झारखंड में बीजेपी ने आदिवासियों की जमीन के मुद्दे को बेटियों की शादी से जोड़कर एक जबरदस्त समीकरण बनाया है। आदिवासियों के लिए यह दोनों ही इमोशनल मुद्दे हैं। बीजेपी को पता है कि झारखंड जीतने के लिए आदिवासियों का साथ बहुत जरूरी है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Jul 21, 2024 11:24
Share :
बीजेपी, आदिवासी मुद्दों को उठाकर हेमंत सोरेन को उनके घर में ही घेरना चाहती है।
बीजेपी, आदिवासी मुद्दों को उठाकर हेमंत सोरेन को उनके घर में ही घेरना चाहती है।

Jharkhand News: लोकसभा चुनाव के बाद अब भाजपा का फोकस विधानसभा चुनाव पर है। अगले तीन-चार महीनों में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव होंगे। इस बीच बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व झारखंड को लेकर खासा आक्रामक है। आदिवासी हितों और अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर पार्टी के नेता काफी मुखर हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को रांची में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो आदिवासियों की जनसंख्या और जमीन पर पार्टी श्वेत पत्र लाएगी। वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आदिवासियों से नहीं, कुर्सी से प्रेम है। सवाल यह है कि आखिर बीजेपी झारखंड को लेकर इतना आक्रामक क्यों हैं? समझिए –

ये भी पढ़ेंः ‘असम-बंगाल खो चुके, अब झारखंड लाइन में…’ मुसलमानों को लेकर अब क्या बोले हिमंत सरमा?

---विज्ञापन---

आदिवासी वोटों पर है नजर

महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी सत्ता में है। इन दो राज्यों में उसे सत्ता विरोधी लहर का सामना करना है। लेकिन झारखंड में वह विपक्ष में है और यहां उसे सत्ता से सवाल करना है। लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी को 14 में से 9 सीटों पर जीत मिली है। लेकिन पार्टी को आदिवासी बहुल इलाकों की पांच सीटों (दुमका, राजमहल, खूंटी, लोहारदगा और पूर्वी सिंहभूम) पर हार का मुंह देखना पड़ा है। पार्टी ने इसे चैलेंज के तौर पर लिया है।

---विज्ञापन---

आदिवासियों का भरोसा जीतने के लिए बीजेपी लगातार कथित बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला उठा रही है तो हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली सरकार को भ्रष्टाचारी करार दे रही है। कथित बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले को उठाकर बीजेपी जेएमएम के आदिवासी-मुस्लिम समीकरण को तोड़ना चाहती है। इसलिए पार्टी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को झारखंड का सह-प्रभारी बनाया है।

बीजेपी में कथित तौर पर अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर कोई सबसे ज्यादा मुखर है तो वह निसंदेह हिमंता बिस्वा सरमा हैं। चाहे मामला असम का हो, या बंगाल का या फिर झारखंड का… हिमंता बिस्वा सरमा लगातार बोल रहे हैं। लोकसभा चुनावों के दौरान हिमंता के पास झारखंड का प्रभार था।

ये भी पढ़ेंः ‘2041 तक हिंदू से ज्यादा हो जाएंगे मुस्लिम’, CM हिमंत बिस्वा सरमा का दावा

सत्ता में लौटने का बेहतरीन मौका

बीजेपी को पता है कि महाराष्ट्र और हरियाणा के मुकाबले उसके पास झारखंड जीतने का यह बेहतरीन मौका है। पार्टी को लोकसभा चुनावों के दौरान गैर आदिवासी इलाकों की 9 सीटों पर जीत मिली है। उसे सत्ता में आने के लिए आदिवासियों का भरोसा जीतना है। पिछले दो सालों में बीजेपी की राजनीति को देखें तो कथित जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन जेल गए। कांग्रेस के बड़े नेता आलमगीर आलम अभी करप्शन के मामले में जेल में हैं।

लोकसभा चुनावों के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह लगातार करप्शन का मामला उठाते रहे हैं। शनिवार को प्रभात तारा मैदान में भी बीजेपी नेताओं ने जेएमएम-कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। बीजेपी नेता और झारखंड प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जेएमएम का मतलब है – झारखंड मिटाओ मोर्चा। इसका दूसरा मतलब है- जमीन माफिया, मर्डर माफिया और माइनिंग माफिया।

उन्होंने कहा कि झारखंड में बाल्टी में बालू बिक रहा है। घुसपैठिए खुलकर खेल रहे हैं। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार को जमीन की हेराफेरी मामले में श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। झारखंड में सीएनटी-एसपीटी एक्ट को दरकिनार कर बिचौलियों और दलालों ने लूटपाट मचाई है।

आदिवासी बेटियों की शादी बड़ा मुद्दा

झारखंड में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के बाद से आदिवासी बेटियों की शादी को मुद्दा बनाया हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि अवैध घुसपैठ करने वाले लोग आदिवासी बेटियों के साथ शादी करके झारखंड में जमीन हड़प रहे हैं। आदिवासियों के लिए बेटी की शादी और जमीन एक इमोशनल मुद्दा है, बीजेपी बेटियों की शादी, उनकी जनसंख्या और जमीन के मामले को जोड़कर आदिवासियों को अपने साथ लाना चाहती है।

बीजेपी को पता है कि आदिवासियों के समर्थन के बिना झारखंड में सरकार बनाना संभव नहीं है। इसीलिए वह आदिवासियों के मुद्दे पर बेहद आक्रामक है। शनिवार को हुई रैली में हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि ऐसा कानून बनना चाहिए कि घुसपैठिए आदिवासी बेटियों के साथ शादी नहीं कर सकें। ये घुसपैठिए शादी के नाम आदिवासियों की जमीन हड़पने का काम करते हैं। झारखंड की डेमोग्राफी बदल रही है।

सत्ता में लौटने के लिए आदिवासी वोट क्यों जरूरी

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को झारखंड में जबरदस्त सफलता मिली थी। पार्टी को राज्य की 12 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी। लोकसभा चुनाव में उसका वोट शेयर 56 फीसदी था। 2024 में यह आंकड़ा 9 हो गया है। लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की अगुवाई में जेएमएम-कांग्रेस सत्ता में लौटीं। विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर गिरकर 33 प्रतिशत पर आ गया। और कांग्रेस-जेएमएम का वोट शेयर 35.35 हो गया।

भले ही 2024 में बीजेपी झारखंड की 9 सीटें जीतने में कामयाब रही हो, लेकिन 2019 के मुकाबले उसकी जीत की चमक फीकी है और झारखंड के मामले में भी यह कहा जा सकता है। बीजेपी को पता है कि जेएमएम और कांग्रेस की ताकत आदिवासी-मुस्लिम वोटबैंक हैं, लिहाजा वह आदिवासियों के मामले पर बेहद आक्रामक है।

HISTORY

Written By

News24 हिंदी

First published on: Jul 21, 2024 11:24 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें