Jharkhand Assembly Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी का झारखंड में प्रदर्शन औसत रहा। गैर आदिवासी क्षेत्रों में बीजेपी को अच्छे खासे वोट मिले लेकिन आदिवासी बाहुल 5 सीटें पार्टी हार गई। ऐसे में बीजेपी को रणनीति पर बदलने की जरूरत है। हालांकि कांग्रेस और झामुमो इस चुनाव में साथ लड़कर 5 सीटें ही ला पाए। 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने पहली बार ऐसी सरकार बनाई जो पूरे 5 साल चली। पार्टी ने पहली बार गैर आदिवासी को सीएम बनाया हालांकि ये फाॅर्मूला लंबा नहीं चला क्योंकि 5 साल बाद ही हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 26 सीटों पर सिमट गई। वहीं 2014 के चुनाव में पार्टी को 37 सीटों पर जीत मिली थी। ऐसे में आइये जानते हैं इस बार झारखंड में बीजेपी क्या रणनीति रहेगी?
झारंखड लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे बीजेपी के लिए सबक सिखाने वाले रहे हैं। पार्टी 14 में से 13 सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन 8 सीटें ही जीत पाई। एक सीट सहयोगी आजसू ने जीती। वहीं इंडिया ब्लाॅक ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की। इनमें 3 पर झामुमो और 2 सीटें कांग्रेस जीतने में सफल रही। ऐसे में प्रदेश में राजनीतिक परिस्थितियां पूरी तरह बदल चुकी है। इन 5 सालों में पार्टी का नेतृत्व दो पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा के हाथ में रहा। 2024 के चुनाव में बीजेपी ने मरांडी को आदिवासी चेहरे के तौर पर पेश किया। जबकि केंद्र में अर्जुन मुंडा को कृषि जैसा मंत्रालय दिया। लेकिन दोनों पूर्व मुख्यमंत्री आदिवासियों के लिए रिजर्व 5 में से एक भी सीट पर जीत नहीं दिला सके।
पीएम मोदी के चेहरे पर विधानसभा में उतरेगी बीजेपी
पार्टी के सूत्रों की मानें तो इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी स्थानीय चेहरे पर नहीं बल्कि पीएम मोदी के चेहरे पर मैदान में उतरेगी। चुनाव में बहुमत मिलने के बाद पार्टी किसी कम लोकप्रिय चेहरे को यह जिम्मेदारी सौंप सकती है। हालांकि अर्जुन मुंडा और बाबूलाल मरांडी चुनाव लड़ेंगे, ये भी तय है क्योंकि पार्टी आदिवासियों नेताओं को दरकिनार नहीं कर सकती। ऐसे में सीएम फेस की बजाय पार्टी, राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़ और ओडिशा की रणनीति पर काम कर इस बार सत्ता में वापसी करना चाहेगी।
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दो आदिवासी नहीं दिला सके एक भी सीट
2024 के चुनाव में हार के बाद बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की रणनीति भी सवालों के घेरे में हैं। दुमका से सीता सोरेन ने हार के बाद पार्टी के कई नेताओं पर भीतरघात करने का आरोप लगाया। बीजेपी प्रदेश में 5 सीटें क्यों हार गई इसके लिए कुछ हद तक गलत टिकट वितरण भी जिम्मेदार है क्योंकि पैराशूट उम्मीदवारों को पार्टी उतना समर्थन नहीं देती जितना पार्टी के नेताओं को देती है। दुमका के अलावा लोहारदगा, सिंहभूम, खूंटी समेत कई लोकसभा क्षेत्रों में भीतरघात की शिकायतें सामने आई है।
अब विधानसभा में नजर आएंगे अर्जुन मुंडा
लोकसभा चुनाव 2024 में केंद्रीय मंत्री और प्रदेश के 3 बार सीएम रह चुके अर्जुन मुंडा भी इस बार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। अर्जुन मुंडा खरसावां विधानसभा सीट से एक बार फिर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। उन्हें खूंटी से इस बार डेढ़ लाख वोटों से हार मिली। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वे विधानसभा में एक बार फिर वापसी कर सकते हैं। एक खबर यह भी है कि पार्टी इस बार रघुवर दास को फिर से विधानसभा चुनाव में उतार सकती है। उनकी सक्रिय राजनीति में आने के पीछे के कारण बीजेपी की हार है। दोनों पूर्व सीएम पिछले साल में पार्टी को एक भी आदिवासी सीट नहीं दिला सके। ऐसे में उनकी वापसी होती है तो पार्टी को फायदा हो सकता है।
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