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हेमंत सोरेन की भतीजी ने बढ़ाई मुसीबत! पापा की सीट पर की दावेदारी, लिया दादा का आशीर्वाद

Jharkhand Election 2024: जयश्री सोरेन ने जामा सीट पर दावा ठोंक दिया है। ऐसे में हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। एक तरफ जयश्री सोरेन हैं तो दूसरी तरफ लुईस मरांडी भी टिकट की दावेदारी को लेकर जेएमएम में शामिल हुई हैं। देखना है कि लुईस को कहां से टिकट मिलता है। पूर्व भाजपा नेता दुमका से लड़ेंगी या जामा सीट से इसी पर सबकी निगाहें हैं। शिबू सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन जामा सीट से ही चुनाव लड़ते थे।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Oct 25, 2024 11:30
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कल्पना और हेमंत सोरेन के साथ लुईस मरांडी, जेएमएम ज्वॉइन करने के मौके पर
कल्पना और हेमंत सोरेन के साथ लुईस मरांडी, जेएमएम ज्वॉइन करने के मौके पर

Jharkhand Election 2024: हेमंत सोरेन के सामने एक बार फिर परिवार की चुनौती आ खड़ी हुई है। खबरों के मुताबिक हेमंत सोरेन के बड़े भाई दुर्गा सोरेन की बेटी जयश्री सोरेन ने जामा सीट पर दावेदारी ठोक दी है। इस सीट से जेएमएम की ओर से लुईस मरांडी को टिकट देने की बात चल रही है। जेएमएम ने जामा सीट से अपना उम्मीदवार नहीं दिया है। लेकिन जयश्री सोरेन के शिबू सोरेन से मिलने के बाद कहा जा रहा है कि जयश्री सोरेन ने अपना दादा से आशीर्वाद में जामा सीट मांग ली है।

हेमंत सोरेन की मुश्किलें

जयश्री सोरेन बुधवार को अपने दादा शिबू सोरेन से मिली थीं। माना जा रहा है कि जयश्री सोरेन अपने पिता की सीट चाहती हैं। सीता सोरेन अपनी बेटी के लिए बीजेपी से जामा सीट चाहती थीं। लेकिन बीजेपी ने जयश्री को टिकट नहीं दिया है। हालांकि जेएमएम की ओर से जामा से लुईस मरांडी का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। इसी बीच जयश्री सोरेन ने शिबू सोरेन से मुलाकात की है। लुईस मरांडी बीते दिनों ही बीजेपी में शामिल हुई हैं।

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भाजपा ने दुर्गा सोरेन की पत्नी और शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन को जामताड़ा सामान्य सीट से उम्मीदवार बनाया है। झारखंड में नियम है कि किसी दूसरे स्टेट की महिला राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं उठा सकती है। इसलिए कल्पना सोरेन भी गांडेय सामान्य सीट से चुनाव लड़कर विधायक बनीं और एक बार फिर से गांडेय से चुनाव लड़ रही हैं। सीता और कल्पना दोनों ओडिशा की रहने वाली हैं।

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हेमंत सोरेन कैसे फंसे?

जयश्री सोरेन की मुलाकात के बाद शिबू सोरेन अगर अपनी नातिन के पक्ष में खड़े हो जाते हैं तो हेमंत सोरेन के लिए मुश्किल बढ़ जाएगी। लुईस मरांडी झारखंड की बड़ी नेता हैं और वह हेमंत सोरेन को भी चुनाव हरा चुकी हैं। इससे पता चलता है कि लुईस मरांडी का जेएमएम के लिए क्या महत्व है। लुईस ने 2014 के चुनाव में दुमका सीट से हेमंत सोरेन को हराया था। बीजेपी ने लुईस को दुमका की बजाय बरहेट से चुनाव लड़ने को कहा था, लेकिन लुईस ने मना कर दिया और जेएमएम में शामिल हो गईं। लुईस के साथ होने से संथाल परगना में जेएमएम को आदिवासी वोटों को एकजुट रखने में मदद मिलेगी और इसका कई सीटों पर फायदा देखने को मिलेगा।

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देखना ये होगा कि हेमंत सोरेन अपनी भतीजी और पिता को कैसे मनाते हैं। जयश्री को खाली हाथ लौटाना हेमंत सोरेन के लिए मुश्किल होगा, लेकिन सियासी तौर लुईस मरांडी को मना करना भी आसान नहीं है।

 

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Written By

Nandlal Sharma

First published on: Oct 25, 2024 11:30 AM

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